कोहरा शुरू हो गया, संभलकर चलें
सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। आने वाले दिनों में पूरा जिला कोहरे की चादर से ढंक जाने के आसार नजर आ रहे हैं। ऐसे में सड़क हादसों में बढ़ोतरी की संभावना को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि कोहरे के दौरान सड़क दुर्घटनाओं और उनमें हताहत होने वालों की संख्या तेजी से इजाफा हो रहा है। प्रबुद्ध लोगों का मानना है कि ऐसे लोगों पर हर वाहन चालक को सावधानी और चेतावनियों पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी हो जाता है।
जयदेव गोगा, नवांशहर : सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। आने वाले दिनों में पूरा जिला कोहरे की चादर से ढंक जाने के आसार नजर आ रहे हैं। ऐसे में सड़क हादसों में बढ़ोतरी की संभावना को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि कोहरे के दौरान सड़क दुर्घटनाओं और उनमें हताहत होने वालों की संख्या तेजी से इजाफा हो रहा है। प्रबुद्ध लोगों का मानना है कि ऐसे लोगों पर हर वाहन चालक को सावधानी और चेतावनियों पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी हो जाता है।
पूर्व एमसी मनोहर लाल का कहना है कि जिले में सड़क हादसे आम दिनों में भी होते रहते हैं। मगर कोहरे और धुंध के दौरान इनमें चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं। धुंध में कम नजर आने की वजह से और सड़कों की खराबी की वजह से दुर्घटनाएं होती हैं। वाहनों में सुरक्षा उपकरणों की कमी के चलते भी हादसों को अंजाम देते हैं। वाहन चालक को सफर पर लने से पहले ऐसी सभी बातों का सजग रहकर ध्यान रखना चाहिए।
परविदर बत्रा का कहना है कि खराब मौसम या कोहरा, धुंध आदि हादसों की वजह बनते हैं। ऐसे हालातों में अगर बहुत जरूरी हो तभी सफर कर निकलना चाहिए। फाग लाइट व अपने वाहन की स्पीड का पूरा ध्यान रखना चाहिए। हाईवे और पहाड़ी इलाकों में तो इन सब बातों का ध्यान रखना और भी ज्यादा जरूरी है। वैसे तो घने कोहरे के दौरान वाहन चलाने से गुरेज ही करना चाहिए।
आरके आर्य कालेज के पूर्व सुपरिंटेंडेंट अशोक कुमार का कहना है कि आने वाले दिनों में जिले भर में सुबह और रात को कोहरा गहरा जाने के आसार नजर आ रहे हैं। ऐसे में हर वाहन चालक के लिए सुरक्षा के लिहाज से बचाव ही सबसे बेहतर तरीका है। कोहरा शाम ढ़लते ही पड़ने लगता है। कोहरा या धुंध ज्यादा होने पर वाहनों का परिचालन रोक दाने चाहिए। सुरक्षा के लिए यह जरूरी है। कोहरा घना होने पर चालक अपने वाहन को सड़क के किनारे खड़ा कर दें और इंडीकेटर आन कर दें, ताकि दूसरे वाहन उससे टकरा न जाएं।
एडवोकेट त्रिभुवन शर्मा का कहना है कि जीटी रोड पर गाड़ी चलाने वालों की मदद के लिए जरूरी चेतावनी और संकेत के बोर्ड लगाना बहुत जरूरी है। सड़क के डार्क जोन में पुलिस की तैनाती होने पर भी हादसों में कमी लाई जा सकती है। केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1998 के अनुच्छेद 125 बी में पहाड़ियों पर चलने वाले वाहनों के लिए सुरक्षा उपकरणों की जरूरतों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें चार पहिया वाहनों में फागलैंप्स, पावर स्टियरिग, डिफागिग व डिमांइस्टिग प्रणाली तथा एम-2 वर्ग की बसों में एंटीलाक ब्रेकिग सिस्टम आदि शामिल हैं।