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कानों की संभाल न करने के कारण होता है बेहरापन : डा. कपूर

नवांशहर जिला अस्पताल नवांशहर में बुधवार को राष्ट्रीय श्रवण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डा. गुरदीप सिंह कपूर ने बताया कि बेहरेपन की समस्या के ज्यादातर केसों का इलाज संभव है। इसलिए हर किसी को अपने कानों की जांच करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कान हमारे शरीर का अहम अंग हैं जिनकी देखभाल और संभाल बहुत जरूरी है। मगर कानों के लिए सावधानी न बरतने के कारण बहुत से लोग बेहरेपन का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने दूसरी बीमारियों के साथ कानों की बीमारियों की रोकथाम के लिए भी विशेष प्रयास शुरू किए हैं जिनका आम लोगों को लाभ लेना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 11:39 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 11:39 PM (IST)
कानों की संभाल न करने के कारण होता है बेहरापन : डा. कपूर

जागरण संवाददाता, नवांशहर

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जिला अस्पताल नवांशहर में बुधवार को राष्ट्रीय श्रवण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डा. गुरदीप सिंह कपूर ने बताया कि बेहरेपन की समस्या के ज्यादातर केसों का इलाज संभव है। इसलिए हर किसी को अपने कानों की जांच करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कान हमारे शरीर का अहम अंग हैं, जिनकी देखभाल और संभाल बहुत जरूरी है। मगर, कानों के लिए सावधानी न बरतने के कारण बहुत से लोग बेहरेपन का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने दूसरी बीमारियों के साथ कानों की बीमारियों की रोकथाम के लिए भी विशेष प्रयास शुरू किए हैं, जिनका आम लोगों को लाभ लेना चाहिए।

इस अवसर पर जिला परिवार भलाई अधिकारी डा. जतिदर सिंह ने बताया कि देश में 6.3 करोड़ लोग बेहरेपन की समस्या से प्रभावित हैं। उनकी सुनने की शक्ति कमजोर है। इसलिए यदि कानों की समय पर जांच और इलाज हो जाए, तो इस बीमारी को 50 प्रतिशत तक घटाया जा सकता है। इस तरह कम सुनने के 50 प्रतिशत कारणों को रोकना संभव है। लोगों में सेहत जागरूकता पैदा करके बेहरेपन की समस्या की रोकथाम की जा सकती है।

इस अवसर पर जिला नोडल अधिकारी अमित कुमार और जिला मास मीडिया अधिकारी जगत राम ने कहा कि बेहरेपन से बचाव के लिए कानों में कभी भी नुकीले चीजें नहीं डालनी चाहिए। किसी को भी कान पर न मारें। कानों को हमेशा तेज आवाज से बचाना चाहिए और कानों में गंदा पानी नहीं पड़ने देना चाहिए।

इस मौके पर ब्लाक एजुकेटर तरसेम लाल, डा. सतविदर सिंह, डा. नीना, डा. निर्मल, डा. हरपिदर सिंह, डा. हिरटेश पाहवा, राजेश कुमार समेत कई सेहत कर्मचारी उपस्थित थे।


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