खुशियों भरी सुरक्षित दीवाली मनाएं
दीपावली खुशियों का पर्व है। सभी को इस त्योहार का इंतजार होता है।
वासदेव परदेसी, नवांशहर : दीपावली खुशियों का पर्व है। सभी को इस त्योहार का इंतजार होता है। प्रत्येक व्यक्ति दीये जलाकर, घरों को साफ कर लक्ष्मी पूजन करता है। पटाखे चलाकर खुशियों को व्यक्ति किया जाता है लेकिन पर्यावरण की आबोहवा में जहर घोलते पटाखे मानव के लिए परेशानी का कारण भी बनते जा रहे हैं। इनकी वजह से आग लगने की घटनाएं भी अक्सर देखने को मिलती है। पटाखों की धमक और चिंगारी से चेहरे पर मुस्कान तो आ जाती है लेकिन नुकसान को हम अनदेखा कर देते हैं। शहर के प्रमुख डॉक्टरों ने पटाखों को लेकर अपने विचार सांझे किए। उन्होंने सुरक्षित दीवाली मनाने का संदेश दिया। पटाखे कम चलाने और ऊंची आवाज के पटाखों को इस्तेमाल न करने की हिदायत दी। पटाखे चलाते हुए सुरक्षित रहने के तरीकों से भी अवगत करवाया। डॉक्टरों ने खास तौर पर स्किन केयर करने पर जोर डाला। सुननेकी शक्ति पर भी असर डालते हैं पटाखे
डा. जेएस संधू का कहना है कि दीवाली पर होने वाला प्रदूषण सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। इससे सुनने की शक्ति का कम होना, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, त्वचा की बीमारियां, एलर्जी, आंखों की बीमारी, थकान तथा सांस की गंभीर बीमारियां, दीवाली पर होने वाले प्रदूषण से होती है। पटाखों से हमें नुकसान पहौंच सकता है। यह जानते हुए भी हम इनका उपयोग करते हैं। हमारी थोड़ी-सी लापरवाही हमारे अमूल्य जीवन को बर्बाद कर सकती है। इसलिए कम पटाखे चलाएं और ऊंची आवाज के पटाखों को इस्तेमाल न करें।
ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों से पीड़ित लोग रखें बचाव
डॉ. जिवतेश पाहवा का कहना है कि पटाखों के तेज धमाकों के कारण ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है। इसके लिए ब्रेन स्ट्रोक, लकवा लगने का कारण बन सकता है। इसके लिए कान में रूई लगाकर हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों से पीड़ित लोगों को धमाकेदार पटाखों से दूर रहना चाहिए। पटाखों के धुएं से फेफड़ों में सूजन आ सकती है। जिससे फेफड़े अपना काम ठीक ढंग से नहीं करने का खतरा बढ़ जाता है। अनचाही आवाज मनुष्य पर मनोवैज्ञानिक असर पैदा करती है। प्रदूषित हवा से बचना चाहिए, हवा में मौजूदा धुआं तनाव और एलर्जी का कारण बन सकता है। आंखों को धुए व चिंगारी से बचाएं
डा. रविदर कारा का कहना है कि दीवाली पर पटाखों और धुएं से आंखों को बचाना चाहिए। पटाखों से निकलने वाला धुआं व चिगारी आंखों के लिए खतरा साबित हो सकती है। पटाखे जलाते समय आंखों को सुरक्षित रखे और आंखों पर ग्लास जरूर पहनें, ताकि निकलने वाला धुआं या चिगारी आंखों को प्रभावित न कर सके। आंखों को धोने के लिए ठंडे पानी का प्रयोग करें, आंखों में खुजली या जलन होने पर भी आंखों को मसलने या रगड़ने से बचे।
शरीर का कोई अंग जल जाए तो उसे ठंडे पानी में रखें
डॉ. गुरजीत कौर संधू का कहना है कि दीवाली के दौरान सावधानियां बरतें। प्रदूषण से बचने के लिए अलर्ट रहें। पटाखे जलने से कार्बन डाइआक्साइड और सल्फर आक्साइड जैसे गैसें निकलती हैं, जो मानव के लिए घातक हैं। दीवाली पर पटाखे चलने से घटनाएं घटती हैं। प्रदूषण आपकी त्वचा की खूबसूरती बिगाड़ सकता है। ऐसे में आपको खुद को बचाना जरूरी है। प्रदूषण से एलर्जी का खतरा है। त्वचा में जलन, लाल चकते पड़ना और फुंसियां जैसे दाने होना आम बात है। किसी कारण अंग जल जाए तो जले हुए हिस्से को तब तक ठंडे पानी में रखें जब तक जलन पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाए।