सरकारी अस्पताल में नहीं डॉक्टर, इलाज से वंचित 50 गांवों के लोग
कोरोना की रोकथाम के लिए सेहत विभाग हर प्रकार से प्रयास कर रहा है लेकिन काठगढ़ के सरकारी अस्पताल में करीब दो माह से कामकाज ठप पड़ा है और केवल ओट सेंटर की महिला कर्मचारी ही नशा छोड़ने वालों को दवा दे रही है।
सतीश शर्मा, काठगढ़ : कोरोना की रोकथाम के लिए सेहत विभाग हर प्रकार से प्रयास कर रहा है, लेकिन काठगढ़ के सरकारी अस्पताल में करीब दो माह से कामकाज ठप पड़ा है और केवल ओट सेंटर की महिला कर्मचारी ही नशा छोड़ने वालों को दवा दे रही है। करीब 50 गांवों के लोग यहां दवा लेने आते हैं, जिन्हें अस्पताल में डॉक्टर न होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वीरवार को सरकारी अस्पताल का दौरा किया तो वहां पर पुलिस तैनात थी, क्योंकि क्वारंटाइन सेंटर भी बना रखा है। सेहत विभाग का कोई भी कर्मचारी इतने बड़े अस्पताल मं जनता को नहीं मिल रहा है। चारों तरफ ताले ही ताले हैं। 50 गांवों की रोजाना ओपीडी करने वाला यह सरकारी अस्पताल अब जनता को रोजाना निराश करके ही भेज रहा है। कोई डॉक्टर, कोई फार्मासिस्ट वहां पर नहीं बैठ रहा है। सभी अस्पताल को ताला लगाकर बाहर ड्यूटी कर रहे हैं।
कम से कम एक डॉक्टर व फार्मासिस्ट तो होना चाहिए : गुरनाम सिंह
काठगढ़ के सरपंच गुरनाम सिंह चाहल ने बताया कि देश में कोरोना संकट चल रहा है। सेहत विभाग उसमें पूरी मेहनत कर रहा है। परंन्तु यह इतना बड़ा अस्पताल होने पर कोई न कोई तो डाक्टर या फार्मासिस्ट जरूर बैठना चाहिए। गरीबों को हो रही परेशानी : बेबी हरमन
काठगढ़ खुर्द से अलग बनी पंचायत की सरपंच बेबी हरमन ने बताया कि जो गरीब जनता तकलीफ में है, उनको भी उपचार व सहायता की जरूरत है। कोई तो वहां पर जरूर होना चाहिए। क्वारंटाइन सेंटर में तैनात है स्टाफ
एसएमओ डॉ. गुरिदर सिंह ने बताया कि अस्पताल का सारा स्टाफ रयात कॉलेज में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में तैनात है।