बेसहरा बुजुर्गो को मिलेगा वृद्धाश्रम का सहारा
जिला प्रशासन ने बुजुर्गोँ को भरोसा दिलाया है कि शहर में वृद्धाश्रम बनाने के लिए सरकार को पत्र लिखा जाएगा।
जयदेव गोगा, नवांशहर : जिला प्रशासन ने बुजुर्गोँ को भरोसा दिलाया है कि शहर में वृद्धाश्रम बनाने के लिए सरकार को पत्र लिखा जाएगा। इसके मद्देनजर पुलिस विभाग द्वारा उन बुजर्गो की सूची तैयार की जाएगी, जोकि अकेले रह रहे हैं। प्रशासन ने पहले भी 150 बुजुर्गों के रहने के लिए वृद्धाश्रम की मांग की थी, लेकिन आज तक वह अधर में लटकी हुई ह। जिले के उम्र दराज असहाय बुजुर्ग प्रशासन से उम्मीद लगाए तिनके का सहारा ढूंढ रही है। रुलिया राम ने बताया कि महंगाई और परिवार की जरूरतों को पूरा करने के कारण क्षेत्र के साधनहीन परिवार बुजुर्गों का इलाज और स्वास्थ्य संबंधी देखभाल करने में असमर्थ हैं। बहुत से बुजुर्ग कुपोषण, कठिया और मोतिबिद के शिकार हो रहे हैँ। इस वजह से वह काम करने और चलने फिरने में असमर्थ हो गए हैं। 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग अस्वस्थता के कारण सरकारी स्कीमों का उचित लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। वृद्धा आश्रम का निर्माण तो उनके लिए जरूरी होना ही चाहिए। साथ ही उनको यूनिवर्सल स्वास्थ्य बीमा का लाभ भी दिया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ हर हाल में मिलना चाहिए
मास्टर हरबंस सिंह का मानना है कि बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ हर हाल में मिलना चाहिए और बिना परेशानी के मिलना चाहिए। हमारे देश के अंदर बुजुर्ग व्यक्तियों की संख्या 10 करोड़ तक पहुंच गई है। 2030 तक यह बढ़कर 20 करोड़ हो जाने की संभावना है। मेडिकल साइंस की प्रगति और दवाइयों की आसानी से उपलब्धता के चलते यह संख्या समय गुजरने के साथ बढ़ेगी। हालांकि इसके बावजूद यह नहीं कहा जा सकता कि हमारे देश में वृद्ध स्वस्थ जीवन भी गुजार रहे हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक मोतियाबिंद का इलाज नहीं हो पाने के कारण देश के 1.2 करोड़ वृद्ध अपनी आंखों की रोशनी गंवा बैठते हैं और पांच लाख को भूखे सोना पड़ता है। बड़ी संख्या में बीमार बुजुर्गों की आबादी की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नुकसान के कारण भारत के विकास की रफ्तार धीमी पड़ सकती है।