25 हजार स्थानों से नष्ट किया लारवा, फिर भी डेंगू के आए 377 केस
डेंगू के मरीज आना अब कम हो चुके हैं। रोजाना अब एक या दो मरीज ही आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, नवांशहर
डेंगू के मरीज आना अब कम हो चुके हैं। रोजाना अब एक या दो मरीज ही आ रहे हैं। वहीं इस सीजन में अभी तक 377 मरीज आ चुके हैं और इस वर्ष डेंगू से एक मरीज की मौत हुई है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इनकी संख्या 169 है पर अगर निजी संस्थानों व निजी लैब से टैस्ट करवाने वालों की गिनती भी जोड़ लें तो जिले मे डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 350 को पार कर गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इस बार स्वास्थय विभाग की ओर से डेंगू के खिलाफ सख्त मुहिम चलाई गई थी, जिसका नतीजा ही रहा है कि इस सीजन में डेंगू से सिर्फ एक व्यक्ति की ही मौत हुई है।
एक साल में 25 हजार स्थानों की हुई जांच
स्वास्थ विभाग की ओर से डेंगू को खत्म करने के लिए शहर में 25 हजार से ज्यादा दुकानों, घरों व अन्य स्थानों की जांच की गई। इनमें से एक हजार से अधिक डेंगू के लारवा को नष्ट किया गया। सेहत विभाग की ओर हर शुक्रवार को यह मुहिम चलाई गई व डेंगू का खात्मा किया गया। इस मुहिम के दौरान कूलरों, गमलों, पुराने टायरों, फ्रिज की ट्रे में से डेंगू के लारवा को खत्म किया गया। शहर में पानी की लीकेज से पनप रहा है डेंगू
शहर में कई स्थानों पर पानी की लीकेज हो रही है। जिसे नगर कौंसिल की ओर से ठीक नही करवाया जा रहा है। पानी की लीकेज के कारण साफ पानी कुछ स्थानों पर जमा हो जाता है। जिससे डेंगू का लार्वा पनपता है। डेंगू मुक्त मुहिम चलाने वाले स्वास्थ कर्मी तरसेम लाल ने बताया कि ऐसे जमा पानी पर उनकी ओर से समय समय पर दवाओं का छिड़काव किया जाता है ताकि लारवा न पनप सके।
गत वर्ष आए थे 450 से ज्यादा केस
सेहत विभाग के आंकड़ों के अुनसार आंकड़ों के अनुसार पिछले साल डेंगू के 150 केस आए थे। वहीं निजी अस्पतालों से इलाज करवाने वाली संख्या को जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा 450 से ज्यादा था। 2018 में डेंगू के मरीजों की संख्या 432 थी। 2017 में डेंगू के मरीजों की संख्या 250 ही थी और इससे पिछले सालों में भी डेंगू के मरीजों की संख्या कभी 400 पार नहीं हुई थी।
10 मिली लीटर पानी में भी पनप सकता है डेंगू का लारवा
जिला एपीडीमोलाजिस्ट डॉ. जगदीप ने बताया कि इस बार सेहत विभाग की ओर से जहां लोगों को डेंगू के डंक से बचने के लिए जागरूक किया गया था। वहीं कोरोना को देखते हुए डेंगू को खत्म करने के लिए मुहिम गर्मियों के मौसम से ही चलाई जा रही थी। उन्होंने कहा कि डेंगू को अपना लारवा पैदा करने के लिए 10 मिलीलीटर (एमएल) पानी ही काफी होता है। उन्होंने कहा कि डेंगू का मच्छर केवल सुबह और शाम के समय ही काटता है। यह घर के कोने, पर्दे के पीछे या नमी वाली जगह पर छुप जाता है।
सिरदर्द के साथ तेज बुखार और दर्द हो तो तुरंत कराएं जाचं
उन्होंने बताया कि तेज सिरदर्द और तेज बुखार, मांस पेशियों और जोड़ों में दर्द का होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, उल्टी लगना, चमड़ी पर दाने और हालत खराब होने पर नाक, मुंह व मसूड़ों से खून बहना आदि डेंगू के लक्षण हैं। अगर मरीज में यह लक्षण पाए जाते हैं तो उसका तुरंत सरकारी सेहत संस्था से टैस्ट व इलाज करवाएं। ऐसे करें बचाव
डेंगू से बचने के लिए शरीर को पूरी तरह ढंकने वाले कपड़े पहनने चाहिए। सोते समय मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाले लोशन व तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। टूटे बर्तन, पुराने टायर व ड्रम को खुले में न रखें। बुखार होने पर पैरासिटामाल की टेबलेट लें और डाक्टर की सलाह लें।