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ये हैं कोरोना के विजेता... सकारात्मक सोच व इच्छाशक्ति से जीती जिंदगी की जंग

कोरोना के विजेता... फतेह सिंह ने हौसला नहीं हारा और सकारात्मक सोच व इच्छाशक्ति से कोरोना पर फतेह हासिल कर ली।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 11:42 AM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 11:43 AM (IST)
ये हैं कोरोना के विजेता... सकारात्मक सोच व इच्छाशक्ति से जीती जिंदगी की जंग
ये हैं कोरोना के विजेता... सकारात्मक सोच व इच्छाशक्ति से जीती जिंदगी की जंग

नवांशहर [सुशील पांडे]। पिता की मौत के बाद भी 35 वर्षीय फतेह सिंह ने हौसला नहीं हारा और सकारात्मक सोच व इच्छाशक्ति से कोरोना पर फतेह हासिल कर ली। फतेह सिंह की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। हालांकि उसे अभी भी 14 दिन के लिए अंडर ऑब्जर्वेशन रखा जाएगा। फतेह सिंह को सिविल अस्पताल में ही अलग कमरे में रखा गया है। पहले उसे परिवार के पांच सदस्यों के साथ एक बड़े हाल में रखा गया था। यहीं सभी का साथ इलाज चल रहा था।

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गांव पठलावा निवासी फतेह सिंह के 70 वर्षीय पिता की 18 मार्च को कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई थी। इसके बाद 20 मार्च को फतेह समेत परिवार के 6 सदस्यों को नवांशहर के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल करवा दिया गया था। फतेह सिंह का इलाज करने वाले डॉक्टर गुरपाल कटारिया बताते हैं कि जब फतेह को आइसोलेशन वार्ड में दाखिल किया गया तो चेहरे पर खौफ था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया हौसला बढ़ता गया। दवा से ज्यादा फतेह व उसके परिवार को मानसिक मजबूती की जरूरी थी, इसीलिए दिन में दो बार काउंसलिंंग होती थी। साथ ही सोच को पॉजिटिव रखने की सलाह दी जाती थी।

पॉजिटिव बातों से सकारात्मक असर पड़ा, जीने की इच्छाशक्ति मजबूत हुई और उसने कोरोना से जंग जीत ली। फतेह सिंह को तीन समय खाना दिया जाता था। खाना खाने से पहले वह परमात्मा का शुक्रिया जरूर अदा करते थे। हालांकि उनको इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने के लिए दवाइयां दी जाती थीं। डॉ. गुरपाल कटारिया ने बताया कि फतेह सिंह को सोशल मीडिया से दूर रखा गया था। वह मोबाइल से सिर्फ काउंसलर और डॉक्टरों से ही जुड़ा था।

भतीजे के जन्मदिन पर दूसरी रिपोर्ट आई निगेटिव

फतेह सिंह के भतीजे के जन्म दिन पर शनिवार को फतेह सिंह की रिपोर्ट निगेटिव आई। परिवार वालों ने परमात्मा का शुक्रिया अदा किया और दो वर्षीय बच्चे को अच्छी किस्मत वाला बताया। बच्चे की भी पहली रिपोर्ट निगेटिव आई है। दूसरी का इंतजार है।

जब डॉक्टरों ने कहा कि आप कोरोना मुक्त हो तो आंखों से छलक पड़े आंसू

डॉ. गुरपाल कटारिया ने बताया कि फतेह सिंह को जैसे ही बताया गया कि वह कोरोना मुक्त हो गए हैं तो उन्होंने सबसे पहले परमात्मा का शुक्रिया अदा किया और उसकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने सबसे पहले कहा कि अब वह अपने पिता की अस्थियों को श्मशानघाट से उठा सकते हैं।

घबराएं नहीं हौसले से कोरोना को हराएं : फतेह

दूसरी रिपोर्ट आने के बाद फतेह सिंह ने कहा कि सबसे पहले तो मैं इलाज करने वाले डॉक्टरों का धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने हमें इलाज के साथ जीने की राह दिखाई। मैं लोगों को यही संदेश देना चाहता हूं, यदि आप कोरोना पॉजिटिव हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। हौसला न हारें क्योंकि दवा से ज्यादा सकारात्मक सोच और इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। सफाई पर खास ध्यान दें। मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करें और बिना जरूरत के घर से बाहर न निकलें। 

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