पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों की सहभागिता जरूरी
पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों की सहभागिता जरूरी है। जब तक लोग नहीं जागेंगे तब तक इसके लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता है। शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे आगे लगाने के लिए जरूरी है कि लोग इसके महत्व को समझे और अपने शहर को साफ सुथरा करने में योगदान दें।
वासदेव परदेसी, नवांशहर
पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों की सहभागिता जरूरी है। जब तक लोग नहीं जागेंगे तब तक इसके लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता है। शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे आगे लगाने के लिए जरूरी है कि लोग इसके महत्व को समझे और अपने शहर को साफ सुथरा करने में योगदान दें। इससे लोग बीमारियों से भी दूर रहेंगे।
कूड़े को डस्टबिन में ही फेकें: रॉकी
रॉकी कहते हैं कि लोग केवल कूड़े को डस्टबिन में डालें और कूड़े को इधर-उधर न फेंके तो शहर स्वच्छ हो जाएगा। भौतिक , मानसिक , सामाजिक , बौद्धिक कल्याण के लिए भारत के लोगों में इसका एहसास होना बहुत ही जरूरी है। यह भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिए है जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरू किया जा सकता है।
खुले में शौच नहीं करना चाहिए : राकेश कुमार
राकेश कुमार बब्बर भारत के प्रत्येक घर में शौचालय होना बहुत ही जरूरी होता है और खुले में शौच करने की प्रवृति को बंद किया जाना भी बहुत जरूरी है। सरकार इसके लिए विभिन्न स्कीमों के तहत मदद भी करती है। जरूरत है सभी लोगों को जागने की और सफाई के प्रति सजग होने की।
कचरों का रिसाइकिल करने की हो व्यवस्था: सोमनाथ
सोमनाथ कहते हैं कि शहर के कचरे को रिसाइकिल करके इसे दुबारा इस्तेमाल या खाद बनाने या फिर उचित ढंग से निपटारा करना जरूरी है। शहरों व गांवों में वैज्ञानिक तरीके से सीवरेज के पानी को ट्रीटमेंट का प्रबंधन को लागू करना चाहिए। इसके साथ हीं लोगों की खुद के स्वास्थ्य के प्रति सोच और स्वाभाव में परिवर्तन लाना जरूरी है।
गांवों में नहीं है साफाई करने का उचित प्रबंध : रिहान
रिहान कहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इसके लिए जागरूक करने की ज्यादा जरूरत है। शहर में नगर कौंसिल या निगमों सफाई की व्यवस्था करती है, लेकिन गांवों में ऐसी व्यवस्था नहीं होती है। गांवों में भी अब कूड़े के ढेर बढ़ते जा रहा हैं। इस में लोगों द्वारा स्थानीय स्तर पर कचरे के निष्पादन का नियंत्रण करना और खाका तैयार करने में मदद करना जरूरी है।