अतिक्रमण के मकड़जाल में उलझे बाजार, कौंसिल बेसुध
नवांशहर अतिक्रमण के मकड़जाल ने शहर के बाजारों को जकड़ लिया है। बाजारों में अतिक्रमण के कारण सड़कों का आकार सिमट कर रह गया है। दुकानदारों द्वारा दुकान के आगे चार से पांच फुट तक सड़कों पर सामान रखकर अतिक्रमण किया गया है। इसके बावजूद नगर कौंसिल की इस बारे में नींद नहीं खुल रही है। नगर कौंसिल के अधिकारियों से जब अतिक्रमण के बारे में बात की जाती है तो वे कब्जे हटाने की बात तो कहते हैं पर हकीकत में इसे स्थायी रूप से हटाया नहीं जाता है। हालात यह बन चुके हैं कि अतिक्रमण के कारण बाजारों में पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है।
मुकंदहरि जुल्का, नवांशहर
अतिक्रमण के मकड़जाल ने शहर के बाजारों को जकड़ लिया है। बाजारों में अतिक्रमण के कारण सड़कों का आकार सिमट कर रह गया है। दुकानदारों द्वारा दुकान के आगे चार से पांच फुट तक सड़कों पर सामान रखकर अतिक्रमण किया गया है। इसके बावजूद नगर कौंसिल की इस बारे में नींद नहीं खुल रही है। नगर कौंसिल के अधिकारियों से जब अतिक्रमण के बारे में बात की जाती है, तो वे कब्जे हटाने की बात तो कहते हैं पर हकीकत में इसे स्थायी रूप से हटाया नहीं जाता है। हालात यह बन चुके हैं कि अतिक्रमण के कारण बाजारों में पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है।
बता दें कि शहर के बाजारो में आजकल दुकानदारों और फड़ी लगने वालों ने सड़कों को अपनी निजी संपत्ति मान लिया है। इसके कारण बाजारों की सड़कों पर से गुजरने वाले चार पहिया वाहन चालकों सहित दो पहिया वाहन चालकों और राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसी क्रम में मंगलवार को भी कोठी रोड स्थित दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों के आगे टेबल सजाए जाने से आने जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां पर एक कार चालक को कार गुजारने के लिए रास्ता न मिलने पर दुकानदार से गाली-गलौज करते भी देखा गया। इस दौरान अन्य दुकानदारों व ग्राहकों की सूझबूझ से मामला संभल गया। बता दें कि ऐसी स्थिति आए दिन अन्य बाजारों में भी कहीं न कहीं देखने को मिलती रहती है।
उधर, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि तंग बाजारों में चार पहिया वाहनों की आवाजाही बंद कर दी जानी चाहिए और अतिक्रमणकारियों को जुर्माना भी लगाना चाहिए। -------------
एक साल से नहीं हुई कार्रवाई
नगर कौंसिल की ओर से पिछले एक साल से अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यही कारण है कि बाजारों में अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। कई जगहों पर तो दुकानदारों ने अपनी दुकानों के आगे की सड़क को गैरकानूनी तरीके से रेहड़ी वालों को किराये पर दे रखा है। इसके बदले में कुछ दुकानदार रेहड़ी वालों से 500 रुपये प्रतिदिन तक के वसूलते हैं। -------------
कौंसिल अधिकारियों को देंगे निर्देश : एसडीएम
एसडीएम जगदीश सिंह जौहल का कहना है कि नगर कौंसिल के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि वो शहर में अतिक्रमण की समस्या का हल निकालें। उन्होंने कहा कि सरकारी जायदाद पर अतिक्रमण करना गैर कानूनी है। ऐसा हर्गिज नहीं होने दिया जाएगा।