बलाचौर में नहीं रुक रहा नाड़ जलाने का सिलसिला
बलाचौर के आसपास के गांवों में गेहूं की कटाई के बाद खेतों में नाड़ और अन्य अवशेषों को जलाने का सिलसिला जारी है।
संवाद सहयोगी, बलाचौर : बलाचौर के आसपास के गांवों में गेहूं की कटाई के बाद खेतों में नाड़ और अन्य अवशेषों को जलाने का सिलसिला जारी है। कृषि विभाग के जागरूकता कार्यक्रमों का भी किसानों पर कोई असर नहीं दिख रहा है। इस तरह की एक घटना बलाचौर-गढ़शंकर मार्ग पर चुश्मा के पास हुई। किसानों द्वारा गेहूं की नाड़ को लगाई गई आग से पूरी सड़क धुएं से ढंकी हुई थी और वाहन चालक मुश्किल से अपने वाहनों को पार कर पा रहे थे। ऐसे में मोटरसाइकिल सवार और स्कूटर चालक को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और काफी देर तक हादसे का माहौल बना रहा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सड़क के किनारे नियम-कायदों का उल्लंघन करके नाड़ अन्य अवशेषों में आग लगाई गई। इससे बड़ी मात्रा में घना धुंआ निकल रहा था, जो यातायात में बड़ा विघ्न पैदा कर रहा था। पक्षी भी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते देखे गए। वहीं कृषि विभाग का कहना है कि खेतों में खड़ी गेहूं की नाड़ जलाने से किसानों के अनुकूल कीड़े मर जाते हैं, जिससे अगली फसल की उपज प्रभावित हो रही है। नाड़ के जलने से सड़कों पर हादसों की संख्या भी बढ़ रही है।