एड्स पीड़ित व्यक्ति दवाई खाकर जी सकता लंबी जिदगी : डा. गीतांजली सिंह
- नशा में इस्तेमाल सुई के कई बार प्रयोग से फैलती है एड्स - पीएचसी जाडला में एचआईवी /एड्स
- नशा में इस्तेमाल सुई के कई बार प्रयोग से फैलती है एड्स
- पीएचसी जाडला में एचआईवी /एड्स की जांच के लिए विशेष कैंप लगाया गया
जागरण संवाददाता, नवांशहर:
सीनियर मेडिकल अफसर डा. गीतांजली सिंह की अगुवाई में पीएचसी जाडला में मंगलवार को एचआईवी /एड्स की जांच के लिए विशेष कैंप लगाया गया। इस मौके पर एचआईवी एड्स के कारण, लक्षण, इलाज व सावधानियों को लेकर लोगों को जागरूक भी किया गया।
इस मौके पर प्रारंभिक सेहत केंद्र मुजफ्फरपुर के एसएमओ डा. गीतांजली सिंह ने बताया कि एड्स मुख्य रूप से असुरक्षित संबंध बनाने, एड्स पीड़ित व्यक्ति का खून दूसरे व्यक्ति को चढ़ाने, गर्भवती अवस्था में एड्स पीड़ित मां की तरफ से जन्म देने वाले बच्चे, एड्स पीडि़त व्यक्ति की सुई दूसरे व्यक्ति पर इस्तेमाल करने पर होता है। उन्होंने बताया कि एड्स के कारण शरीर में सीडी 4 कोशिकाओं में काफी ज्यादा गिरावट आ जाती है तथा एचआईवी पीड़ित व्यक्ति रोगों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। जिसके कारण पीडि़त को टीबी समेत कई और बीमारियां होने का खतरा अधिक हो जाता है। उन्होंने बताया कि एक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में एचआईवी से पीडि़त व्यक्तियों में से एक तिहाई मरीज टीबी से भी पीड़ित होते हैं। सर्वे के मुताबिक विश्व में 36.6 करोड़ लोग एचआईवी संक्रमण के साथ जी रहे हैं। 1984 में इस बीमारी की पहचान होने के बाद अब तक 36 करोड़ से अधिक लोग एड्स के कारण मारे जा चुके हैं। उन्होंने फील्ड स्टाफ को भी इस बीमारी के प्रति आम लोगों में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने को कहा है।
डा. सिंह ने कहा कि एड्स पीडि़त को बार -बार बुखार, थकावट, मांस पेशियों में ऐंठन, जोड़ों में दर्द और सुजन रहती है। गला खराब हो जाता है, भार घटना शुरू हो जाता है, चमड़ी के ऊपर लाल रंग के निशान आ जाते हैं और मानसिक तनाव रहने लगता है। उन्होंने कहा कि यदि इस बीमारी का प्राथमिक अवस्था में ही पता लग जाए तो बीमारी की रोकथाम के लिए लगातार दवाइयों का सहारा लेकर एड्स पीड़ित व्यक्ति लंबी जिदगी भी जी सकता है।
उन्होंने बताया कि सेहत विभाग का लक्ष्य साल 2030 तक पंजाब को एड्स से मुक्त करना है। इस मौके पर एलएचवी कुलवंत कौर, ओट काऊंसलर हरप्रीत सिंह सहित सेहत विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।