सात सालों में 880 विद्यार्थी ले चुके हैं 100 करोड़ रुपये का शिक्षा ऋण
जिले के लोगों में विदेश जाने का फितूर इस कदर सवार हो चुका है कि वह अपनी आर्थिक स्थिति को नजरअंदाज कर लाखों का कर्ज ले रहे हैं।
सुशील पांडे, नवांशहर : जिले के लोगों में विदेश जाने का फितूर इस कदर सवार हो चुका है कि वह अपनी आर्थिक स्थिति को नजरअंदाज कर लाखों का कर्ज ले रहे हैं। विदेश जा कर पढ़ाई करने की जिद अभिभावकों को बैंक से कर्ज लेने की ओर मोड़ देती है। इनमें से कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जो कि मजदूरी कर अपने बच्चों को कनाडा व ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने के लिए भेज चुके हैं। बैंकों के आंकड़ों विद्यार्थियों में विदेश जाने की ललक को साफ बयां करते हैं। सात सालों में जिले के 880 विद्यार्थी 100 करोड़ का एजुकेशन लोन ले चुके हैं जिनमें से करीब 46 करोड़ 21 लाख रुपये की बैंक रिकवरी बाकी है। इन आंकड़ों की सबसे गौर करने वाली बात है कि हर साल रिकवरी की रकम एक जैसी होती है। हर साल करीब 15 करोड़ का एजुकेशन लोन विद्यार्थियों द्वारा लिया जाता है। इनमें से करीब 70 करोड़ रुपये का कर्ज केवल विदेश जाने वाले विद्यार्थियों द्वारा लिया गया है। प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना का लाभ उठा रहे विद्यार्थी
महंगी होती जा रही पढ़ाई के चलते बच्चों को अच्छी शिक्षा देना आसान नहीं रहा। इसी मुश्किल को कम करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना लांच की है जिसका विद्यार्थी सबसे ज्यादा प्रयोग कर रहे हैं। इस पोर्टल का यह फायदा रहता है कि लोन देने वाले बैंक बिना किसी ठोस कारण के एजुकेशन लोन देने से मना नही कर सकता है। इस योजना के तहत तहत बच्चों की पढ़ाई के लिए केंद्र के 10 से अधिक मंत्रालयों और विभागों की स्कॉलरशिप स्कीम के माध्यम से पैसा दिलाया जाता है। छात्र पोर्टल के माध्यम से 13 बैंकों में से 22 तरह के लोन का लाभ उठा सकेंगे। इसमें स्कॉलरशिप स्कीम और लोन स्कीम भी शामिल है। चार लाख तक के कर्ज पर सिक्योरिटी जरूरी नहीं
चार लाख रुपये के शिक्षा ऋण के लिए आवेदन करने वालों को माता-पिता के साथ संयुक्त रूप से कर्ज मिलेगा। इसके लिए किसी प्रकार की सिक्योरिटी जमा कराने की जरूरत नहीं होती लेकिन यदि 4 से 6.5 लाख रुपए के बीच लोन लेते हैं तो किसी तीसरे व्यक्ति की गारंटी देनी पड़ेगी। यदि लोन की रकम 6.5 लाख रुपये से अधिक है तो बैंक आपको कोई संपत्ति बंधक रखने के लिए कह सकता है। ये हैं फायदे
छात्र-छात्राओं के लिए एजुकेशन लोन से संबंधित सवाल एवं शिकायत के लिए ईमेल की सुविधा भी उपलब्ध है। लोन आवेदन की स्थिति को देखने के लिए डैशबोर्ड की सुविधा मिलती है। बैंकों की शिक्षा लोन एवं अन्य स्कीम्स की एक ही जगह जानकारी मिल जाती है। लोन लेने के लिए कॉमन प्लेटफॉर्म की वजह से छात्रों को एजुकेशन लोन के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। कोर्स पूरा होने के बाद बैंक लोन चुकाने के लिए पांच से सात साल का समय देते हैं।
ऐसे करें आवेदन
आवेदन करने के लिए पोर्टल पर जाकर डब्लयु डब्लयु डब्लयु डाट विद्यालक्ष्मी.को.इन लिक पर क्लिक करें। इस लिक पर रजिस्टर करने के बाद ही लोन के लिए आवेदन करने का मौका मिलेगा। रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद आपको एक ईमेल आईडी एवं पासवर्ड मिलेगा। इसके बाद आप इमेल आईडी एवं पासवर्ड डालने के बाद लॉग-इन कर सकेंगे। एजुकेशन लोन के लिए आप कॉमन एजुकेशन लोन फॉर्म भरें। एजुकेशन लोन लेने के लिए आपको अपनी सुविधा के हिसाब से लोन के लिए आवेदन करना होगा। लोन मंजूर होने के बाद आपको इसी पोर्टल पर उसकी जानकारी मिल जाएगी। इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी
आवेदन के साथ आइडी प्रूफ (आधार, वोटर आइडी, पैन कार्ड)। पासपोर्ट साइज फोटो। एड्रेस प्रूफ (आधार, वोटर आईडी या बिजली बिल,) माता-पिता का आय प्रमाण-पत्र। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट की फोटो कॉपी। जिस संस्थान में आप पढ़ाई करने जा रहे है, उसका एडमिशन लेटर और पाठ्यक्रम की अवधि के प्रूफ के साथ ही खर्च का विवरण दिखाना होगा।
वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखकर ही लोन -गर्ग
लीड बैंक मैनेजर एमएल गर्ग कहते हैं कि अपने परिवार की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखकर ही लोन लेने का फैसला करना चाहिए। लोन समय पर न चुकाने पर विद्यार्थी व उसके माता-पिता बैंक के डिफॉल्टर की सूची में आ जाते हैं। कमजोर वर्ग से आने वाले विद्यार्थियों हैं तो उन्हें सरकारी बैंक से ही लोन लेना चाहिए। इसमें ब्याज सब्सिडी की सरकारी योजना का लाभ भी मिल सकता है। लोन की राशि हर सेमेस्टर की शुरुआत में सीधे शैक्षणिक संस्थान के पास पहुंचती है। आपको ध्यान रखना होगा कि इसमें कॉलेज/यूनिवर्सिटी के सभी खर्च कवर हो जाएं।