जिले के 423 प्राइमरी स्कूलों में 337 स्कूल बने स्मार्ट
नवांशहर सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के प्रोजेक्ट में जिला में अग्रणी बना है।
जेएनएन, नवांशहर : प्रदेश शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार की ओर से आम जनता की मदद से सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के प्रोजेक्ट में जिला में अग्रणी बना है। डिप्टी कमिश्नर ने जिला शिक्षा विकास कमेटी की बैठक में बताया कि जिले के 423 प्राइमरी स्कूलों में से 337 स्मार्ट स्कूलों में तब्दील हो चुके हैं, जबकि 84 स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने का काम प्रगति अधीन है। जिलों के दानवीरों और संस्थाओं में सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने का उत्साह इतना ज्यादा है। सरकारी कन्या प्राइमरी स्कूल राहों, नौरा, टकारला, सुज्जों और सजावलपुर के स्मार्ट स्कूलों के आदर्श स्कूल बनाया जा चुका है। इसी तरह अपर प्राइमरी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में तब्दील करने की प्रक्रिया में लोगों के सहयोग से जिले के 211 अपर प्राइमरी स्कूलों (मिडिल, हाई और सीनियर सेकेंडरी) में से 168 स्मार्ट स्कूल बन चुके हैं, जबकि 43 शैक्षणिक संस्थाओं को स्मार्ट स्कूल बनाने का काम प्रगति अधीन है।
डीसी ने सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों को नई लुक देने वाले अध्यापकों, प्रमुख अध्यापकों, ब्लॉक प्राइमरी शिक्षा अफसरों, प्रिसिपलों और जिला शिक्षा अफसरों के इस प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इन स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में तब्दील करने के लिए वित्तीय साधन, अपेक्षित समान मुहैया करवाने वाले दानवीर लोगों व संस्थाओं का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर जिला सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक अधिकारी कमलजीत राजू ने बताया कि 15 दिसंबर तक खोले गए स्कॉलरशिप पोर्टल पर जिले के 282 स्कूलों, कॉलेजों के 7467 एससी और अल्पसंख्यक वर्गों के विद्यार्थियों ने अलग-अलग श्रेणियों के लिए ऑनलाइन वजीफे के लिए आवेदन किए हैं, जिनको मंजूरी दी गई है। इसी तरह साल 2018 -19 के 3707 मामलों को मंजूरी दी जा चुकी है, जबकि 2017-18 के अल्पसंख्यक वर्ग के 2648 विद्यार्थियों की 42.10 लाख रुपये की वजीफा राशि का भुगतान किया जा चुका है।