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कनाडा भेजने का झांसा दे ठगे17 लाख

थाना सिटी बलाचौर की पुलिस ने वर्क परमिट पर कनाडा भेजने के नाम पर चार लोगों के खिलाफ पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 01:08 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 06:12 AM (IST)
कनाडा भेजने का झांसा दे ठगे17 लाख

जेएनएन, नवांशहर : थाना सिटी बलाचौर की पुलिस ने वर्क परमिट पर कनाडा भेजने के नाम पर चार लोगों के खिलाफ पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपितों ने न तो कनाडा भेजा और न ही पैसे वापस दिए। इस मामले में पुलिस ने बलाचौर निवासी पुरुषोत्तम देवगन, सतपाल, गांव बशवाड़ हिमाचल प्रदेश निवासी देसराज और गांव झंगल हंडोल्ला चुलहेड़ी ऊना निवासी संजीव कुमार पर मामला दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में गांव महमिदपुर डेराबस्सी निवासी करमजीत सिंह ने बताया कि वह केंद्र सरकार का कर्मचारी है और रेलवे में नौकरी करता है। उसने फरवरी 2017 में अपनी बेटी की शादी की थी। इस शादी में पुरुषोत्तम देवगन भी शामिल हुआ था। पुरुषोत्तम देवगन उसके दामाद का दोस्त है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसका दामाद और परसोत्तम देवगन ने इकट्ठे पढ़ाई की है। इस दौरान पुरुषोत्तम देवगन का हमारे घर में आना जाना शुरू हो गया। कुछ समय के बाद पुरुषोत्तम देवगन को पता चला कि उसका लड़का अभी कहीं भी एडजस्ट नहीं हुआ है। शादी के पांच महीने के बाद पुरुषोत्तम देवगन ने मेरे दामाद और मुझे फोन पर बताया कि उसने और उसके मित्र सतपाल और संजीव कुमार ने इकट्ठे लोगों को विदेश कनाडा भेजने का काम शुरू किया है। चारों ने मुझे बताया कि वह मेरे लड़के जगजीत सिंह को पक्के रुप में कनाडा भेजने की जिम्मेदारी लेते हैं। इस दौरान पुरुषोत्तम देवगन ने मुझे विश्वास में लेने के लिए कनाडा के वीजा की फोटो कापी मेरे व्हाट्सएप पर भेज दी। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह भी चाहता था कि उसका लड़का विदेश में सेट हो जाए। इस कारण उसने चारों व्यक्तियों को अपने लड़के को विदेश कनाडा भेजने के लिए हां कर दी थी।

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बलाचौर में दिए पैसे और पासपोर्ट

शिकायतकर्ता ने बताया कि मई 2018 में पुरुषोत्तम देवगन ने मुझे फोन करके कहा कि वह अपने लड़के का पासपोर्ट और कुछ नगद पैसे लेकर बलाचौर में आ जाए। जिस दिन बलाचौर आना है उसी दिन उसके दोस्त सतपाल और संजीव कुमार भी बलाचौर में आ जाएंगे। वहीं बैठकर सारी बात फाइनल कर ली जाएगी। मैंने मई महीने में ही अपने लड़के का पासपोर्ट और कुछ नगद राशि लेकर बलाचौर में आ गया। यहां पुरुषोत्तम देवगन ने मुझे शहर के मेन चौक में एक होटल में बिठाकर चाय पिलाई और साथ ही सतपाल और उसके पिता देशराज और संजीव कुमार से हमारी मुलाकात करवाईं।

17 लाख में पांच साल का वर्क परमिट लगवाने की बात की पक्की

चारों व्यक्तियों ने मुझे विश्वास में लेकर तीन चार महीने में पांच साल का कनाडा का वर्क परमिट लगाने की बात पक्की की थी। जिसके लिए 17 लाख रुपए में पूरी बात पक्की की गई। चारों व्यक्तियों ने उसी वक्त मुझसे मेरे लड़के का पासपोर्ट और दो लाख रुपये की राशि ली थी। इसके बाद मैंने अपने बैंक स्टेट बैंक आफ इंडिया के खाते से 19 जून को 50 हजार रुपये, 25 जून को चार लाख रुपये, 21 अगस्त को 40 हजार रुपये और 15 सितंबर को 6,60 लाख रुपये पुरुषोत्तम देवगन के खाते में ट्रांसफर करवा दिए। इस तरह मैंने टोटल 1350 लाख रुपये इनको दे दिए और बाकी रहती 3,50 लाख रुपये की राशि वीजा लगने के बाद देने की बात पक्की की।

व्हाट्सएप पर डाली वीजा कॉपी

गौतम देवगन ने मेरे लड़के को विदेश कनाडा भेजने की वीजा कॉपी दिसंबर 2018 में मेरे व्हाट्सएप नंबर पर भेजी थी। यह वीजा 30 नवंबर 2018 से 29 नवंबर 2020 तक की थी। वीजा की कापी देखने के बाद मैंने 24 जनवरी को 2.50 लाख रुपये पुरुषोत्तम देवगन के खाते में ट्रांसफर कर दिए और बाकी की राशि एक लाख का चेक पुरुषोत्तम देवगन को दे दिया, जो उसने कैश करवा दिया था। फ्लाइट के लिए बुलाया मुंबई

पूरी राशि देने के बाद पुरुषोत्तम देवगन और संजीव कुमार ने मेरे लड़के को सात मार्च 2019 को फ्लाइट के लिए मुंबई बुला लिया था। लेकिन वहां पहुंचने पर मेरे लड़के की फ्लाइट नहीं करवाई गई। ट्रैवल एजेंटों द्वारा मेरे लड़के की फ्लाइट न करवाकर उसकी टिकट भी रद्द करवा दी और हमें लारे लगाने शुरू कर दिए। इन्होंने मेरे लड़के को 10 दिन मुंबई में ही रखा और बाद में वापस भेज दिया। होटल का खर्च हुआ 80 हजार रुपये

ट्रैवल एजेंटों द्वारा मेरे लड़के को विदेश न भेजकर उसकी फ्लाइट नहीं करवाई गई। जिस कारण उसे मुंबई के एक होटल में रहना पड़ा और होटल का खर्च 80 हजार रुपये आया था। हमारे बार-बार कहने पर इन लोगों ने एक बार फिर से 11 जून 2019 को मुंबई की टिकट बुक करवा कर मेरे लड़के को मुंबई बुलाया था। लेकिन फिर भी पहले की तरह ही मेरे लड़के की प्लाइट नहीं करवाई गई। इस बार फिर हमें मजबूरन पंजाब के लिए वापस आना पड़ा। अब एक साल का समय बीत जाने के बाद पुरुषोत्तम देवगन, सतपाल और संजीव कुमार न ही मेरे लड़के की फ्लाइट करवा रहे हैं और न ही हमें पासपोर्ट और हमारे पैसे वापस कर रहे हैं। इसके उल्टा जब भी हम अपने लड़के की फ्लाइट करवाने के लिए कहते हैं, तो हमें धमकियां दी जाती है। हमारे पैसे वापिस मागने पर हमें कहते हैं कि हमने पैसे आगे मुबंई के एक ट्रैवल एजेंट अब्दुल मनसूर अली को दिए थे। उसी के पास तुम्हारे लड़के का पासपोर्ट है।


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