तीन माह में 1204 मरीजों ने उठाया सरबत सेहत बीमा योजना का लाभ
तीन माह पहले शुरू की गई आयुष्मान सरबत सेहत बीमा योजना का 1204 मरीज लाभ उठा चुके हैं।
सुशील पांडे, नवांशहर : तीन माह पहले शुरू की गई आयुष्मान सरबत सेहत बीमा योजना का 1204 मरीज लाभ उठा चुके हैं। सरकारी अस्पताल में 939 तथा निजी अस्पतालों में 265 लोगों ने इलाज करवाया है जबकि 82 हजार 790 परिवार बीमा योजना के तहत कार्ड बना चुके हैं। सि योजना में एक लाख तीन हजार 877 परिवारों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया था। सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को बीमा योजना का लाभ देने में नवांशहर 91 प्रतिशत के परिणाम के साथ पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर है जबकि दूसरे स्थान पर गुरदासपुर का परिणाम 58 प्रतिशत है।
इस बीमा योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों खासकर बीपीएल धारक को स्वास्थ्य बीमा मुहैया करवाना है। इस योजना के तहत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र में प्रदान की जाने वाली गर्भावस्था देखभाल और मातृ स्वास्थ्य सेवाएं, नवजात और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, बाल स्वास्थ्य, जीर्ण संक्रामक रोग, गैर संक्रामक रोग, मानसिक बीमारी का प्रबंधन, दांतों की देखभाल, बुजुर्ग के लिए आपातकालीन आदि इलाज को भी शामिल किया गया है।
गांवों में रहने वाले लोगों के लिए शर्त
इस योजना का लाभ उठाने वाले ग्रामीण का कच्चा मकान होना चाहिए, परिवार में किसी व्यस्क (16-59 साल) का न होना, परिवार की मुखिया महिला हो, परिवार में कोई दिव्यांग हो, अनुसूचित जाति और जनजाति से हों और भूमिहीन व्यक्ति व दिहाड़ी मजदूर हों। इसके अलावा, ग्रामीण इलाके के बेघर व्यक्ति, निराश्रित, दान या भीख मांगने वाले, आदिवासी और कानूनी रूप से मुक्त बंधुआ आदि खुद आयुष्मान भारत योजना में शामिल हो सकते हैं। शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की शर्त
शहरी क्षेत्र में भिखारी, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामकाज करने वाले, रेहड़ी-पटरी दुकानदार, मोची, फेरी वाले, सड़क पर कामकाज करने वाले अन्य व्यक्ति, कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मजदूर, प्लंबर, राजमिस्त्री, मजदूर, पेंटर, वेल्डर, सिक्योरिटी गार्ड, कुली और भार ढोने वाले अन्य कामकाजी व्यक्ति स्वीपर, सफाई कर्मी, घरेलू काम करने वाले, हैंडीक्राफ्ट का काम करने वाले लोग, टेलर, ड्राईवर, रिक्शा चालक, दुकान पर काम करने वाले लोग आदि आयुष्मान भारत योजना में शामिल हैं।
फर्जीवाड़े से बचने के लिए शुरू की गई बायोमीट्रिक पहचान
सूचीबद्ध अस्पतालों में भर्ती करने के लिए अब तक पात्र मरीज का गोल्डन कार्ड दिखाना जरूरी था। बीते कुछ समय से फर्जीवाड़े की शिकायत पर सरकार ने नई व्यवस्था शुरू की है। अब मरीज को भर्ती करने के लिए गोल्डन कार्ड के साथ ही उनका बॉयोमीटिक पहचान भी की जाती है। अंगूठे का निशान लेने के बाद ही उनको अस्पताल में भर्ती व डिस्चार्ज किया जा रहा है। बीमा योजना के पात्रों को अस्पताल में भर्ती और डिस्चार्ज करने के समय अंगूठे का निशान अनिवार्य है। अस्पताल में जाकर मिले आयुषमान मित्र से
आयुष्मान सरबत सेहत बीमा योजना का लाभार्थी अस्पताल में एडमिट होने के लिए कोई चार्ज नहीं चुकाएगा। अस्पताल में दाखिल होने से लेकर इलाज तक का सारा खर्च इस योजना में कवर किया जाएगा। आयुष्मान भारत योजना के लाभ में अस्पताल में दाखिल होने से पहले और बाद के खर्च भी कवर किये जा रहे हैं। पैनल में शामिल हर अस्पताल में एक आयुष्मान मित्र है। वह मरीज की मदद करता है और उसे अस्पताल की सुविधाएं दिलाने में भी मदद करता है। अस्पताल में एक हेल्प डेस्क भी होता है जो दस्तावेज चेक करने, स्कीम में नामांकन के लिए वेरिफिकेशन में मदद करता है। आयुष्मान भारत योजना में शामिल व्यक्ति देश के किसी भी सरकारी या पैनल में शामिल निजी अस्पताल में इलाज करा सकता है। गलती पर अस्पताल को 3 गुणा हो सकता है जुर्माना
अगर मरीज से पैसे लेने की शिकायत मिलती है तो पहली बार उस अस्पताल पर 3 गुणा जुर्माना लगाया जा सकता है। दूसरी बार यह जुर्माना 10 गुणा हो सकता है। अगर एक बार कोई अस्पताल इस योजना के साथ जुड़ने के बाद डी-पैनल हो गया है, तो वह भविष्य में किसी सरकारी योजना से नहीं जुड़ पाएगा।
प्रदेश में है पहले स्थान पर
डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. राज रानी ने बताया कि बीमा योजना के तहत जिले में 1204 लोग इलाज करवा चुके हैं जिनमें से 966 लोगों को उनके इलाज का पैसा भी मिल चुका है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को आयुषमान योजना में लेकर आने की कोशिश की जाती है। सरकारी ओपीडी में आने वाले मरीजों में से 91 प्रतिशत मरीजों को योजना में कनवर्ट कर उनका मुफ्त में इलाज किया जाता है पिछले तीन माह में मरीजों को योजना में कनर्वट करने को लेकर जिला शहीद भगत सिंह नगर पंजाब में पहले स्थान पर आया है। सरकार द्वारा योजना के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 14555 जारी किया गया है, जिस पर आप कभी भी कॉल कर सकते हैं।