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पराली को जमीन में ही मिलाएं : डॉ. एनएस

कृषि विज्ञान केंद्र गोनियाना की तरफ से 26 से 30 अगस्त तक केवीके में धान की पराली की सार-संभाल संबंधी पांच दिन का दूसरा सिखलाई कोर्स का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 12:45 AM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 06:35 AM (IST)
पराली को जमीन में ही मिलाएं : डॉ. एनएस
पराली को जमीन में ही मिलाएं : डॉ. एनएस

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब : कृषि विज्ञान केंद्र गोनियाना की तरफ से 26 से 30 अगस्त तक केवीके में धान की पराली की सार-संभाल संबंधी पांच दिन का दूसरा सिखलाई कोर्स का आयोजन किया गया। जिसमें गांव औलख के 25 किसानों ने भाग लिया। सिखलाई कोर्स में डॉ. एनएस धालीवाल एसोसिएशन डायरेक्टर केवीके ने बताया कि केवीके की तरफ से जिले भर में चार गांवों को पराली की संभाल संबंधी गोद लिया गया है। जिसके तहत इस सिखलाई कोर्स का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि हैप्पी सीडर मशीन का इस्तेमाल करने से 2200-2400 रुपए प्रति एकड का खर्च कम आता है, जो कि नदीन नाशकों की खरीद से आता था। हैप्पी सीडर मशीन से धान की पराली के लगातार जमीन में ही मिलाने के कारण जमीन भौतिक गुणों में सुधार होता है। डॉ. बलकरण सिंह संधू ने धान की पराली की सार संभाल के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों जैसे कि हैप्पी सीडर, चौपर, मलचर, एसबी प्लाओ, जीरो टिल ड्रिल, बेलर बारे जानकारी दी। उन्होंने नदीन प्रबंध, खाद प्रबंध के बारे में जानकारी दी। डॉ. चेतक बिश्नोई ने पराली के ऊपर खुंबों की खेती तथा पराली की सब्जियों तथा बागों में मलच के तौर पर इस्तेमाल संबंधी जानकारी दी। डॉ. कर्मजीत शर्मा, ने सब्जियों की घरेलु बगीची बनाने के लिए प्रेरित किया साथ ही पराली को आग लगाने से होने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर राजबीर सिंह ने इन मशीनों के बारे में जानकारी दी।

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