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अस्थायी रोडवेज कर्मियों का चक्का जाम, लोग परेशान

पिछले दो माह से वेतन जारी न करने के विरोध में रोडवेड कार्मियों ने हड़ताल की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 04:27 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 04:27 PM (IST)
अस्थायी रोडवेज कर्मियों का चक्का जाम, लोग परेशान
अस्थायी रोडवेज कर्मियों का चक्का जाम, लोग परेशान

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब

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पिछले दो माह से वेतन जारी न करने के विरोध में और अन्य मांगों को लेकर वीरवार को पंजाब रोडवेज-पीआरटीसी पनबस कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन के आह्वान पर स्थानीय डिपो के समूह अस्थायी कर्मियों ने बसों का चक्का जाम कर दिया। इस चक्का जाम से जहां यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं पंजाब रोडवेज को भी करीब साढ़े पांच लाख रुपये का नुकसान हुआ है। स्थानीय डिपो में 130 बसें हैं। जिनमें 115 बसों को अस्थायी कर्मचारी ही चलाते हैं। यह सभी 115 बसों को पहिया थमा रहा। केवल 15 बसें ही विभिन्न रूटों पर चल सकी हैं। जिन्हें स्थायी कर्मचारियों की ओर से चलाया गया है। बसों के न चलने के कारण यात्रियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा। भीषण गर्मी के इस मौसम में जहां उन्हें घंटों निजी बसों का इंतजार करना पड़ा है, वहीं इन निजी बसों में भारी भीड़ में सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। महिला यात्रियों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी, जिन्हें निजी बसों में किराया भी अदा करना पड़ा।

यूनियन के सरपरस्त कमल कुमार ने बताया कि नियमों के अनुसार कांट्रेक्ट और आउटसोर्स कर्मियों को प्रत्येक माह सात तारीख को वेतन जारी करना होता है लेकिन उन्हें पिछले 59 दिनों से वेतन नहीं मिला है। अस्थायी कर्मचारी मामूली वेतन पर अपने घर का गुजारा चलाते हैं। इस स्थिति में उन्हें अपने घरों का चूल्हा जलाना मुश्किल हुआ पड़ा है। उन्होंने कहा कि पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी मैनेजमेंट जान बूझकर अस्थायी कर्मियों को परेशान कर रही है ताकि वे स्थायी न हो सकें।

मैनेजमेंट राज्य सरकार और कर्मचारियों के संबंधों को खराब कर रही है। बेवजह परेशान किया जा रहा है। चंडीगढ़ में एक कंडक्टर को झूठा आरोप लगाकर नौकरी से हटा दिया गया। मोगा बस डिपो के कर्मचारियों का ड्यूटी रोटा चंडीगढ़ भेज दिया गया। रोडवेज कर्मचारी इस तरह की धक्केशाही को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और उनकी मनमानियों के खिलाफ कड़ा संघर्ष करेंगे।

इस मौके पर डिपो प्रधान जगसीर सिंह माणक, प्रांतीय सहायक महासचिव तरसेम सिंह, गुरप्रीत सिंह ढिल्लों, गुरसेवक सिंह, प्रगट सिंह, अंग्रेज सिंह, गुरपाल सिंह, जसवीर सिंह, मलकीत सिंह, निर्मल सिंह, गुरविदर सिंह, भोला सिंह आदि पदाधिकारियों ने भी अपने-अपने विचार रखे।


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