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रूद्राक्ष धारण करने वालों पर शिव की होती है कृपा : पं. जोशी

शिव को संहारक और दुखों से मुक्त करने वाला माना गया है। दूसरे के दुखों को दूर करने वाले देवाधिदेव महादेव दुखों के सागर में डूब जाएं और रोने लगें ऐसा संभव नहीं लगता।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 10:49 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 10:49 PM (IST)
रूद्राक्ष धारण करने वालों पर शिव की होती है कृपा : पं. जोशी
रूद्राक्ष धारण करने वालों पर शिव की होती है कृपा : पं. जोशी

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब : शिव को संहारक और दुखों से मुक्त करने वाला माना गया है। दूसरे के दुखों को दूर करने वाले देवाधिदेव महादेव दुखों के सागर में डूब जाएं और रोने लगें ऐसा संभव नहीं लगता। पुराणों में ऐसा वर्णित है कि एक बार ऐसा भी हुआ। पर शिव को आखिर क्या दुख हुआ कि वह रोने लगे और क्या हुआ जब वे रोए। यह जानकारी गांधी नगर में कथावाचक पं. पूरन चंद्र जोशी ने दी। पं. जोशी ने बताया कि देवी भागवत पुराण के अनुसार बहुत शक्तिशाली असुर त्रिपुरासूर को अपनी शक्तियों पर घमंड हो गया। उसने धरती पर उत्पात मचाना शुरू किया। वह देवताओं और ऋषियों को भी सताने लगा। देव या ऋषि कोई भी उसे हराने में कामयाब नहीं हुए तो ब्रह्मा, विष्णु और दूसरे देवता भगवान शिव के पास त्रिपुरासूर के वध की प्रार्थना लेकर गए। भगवान यह सुनकर बहुत द्रवित हुए और अपनी आंखें योग मुद्रा में बंद कर लीं। थोड़ी देर बाद जब आंखें खोलीं तो उनसे अश्रु बूंदें धरती पर टपक पड़ी। कहते हैं जहां-जहां शिव के आंसू की बूंदें गिरीं, वहां-वहां रुद्राक्ष के वृक्ष उग आए। रुद्र का अर्थ है शिव और अक्ष मतलब आंख। इसलिए इन पेड़ों पर जो फल आए, उन्हें रुद्राक्ष मोती कहा गया। तब शिव ने अपने त्रिशूल से त्रिपुरासूर का वध कर पृथ्वी और देवलोक को उसके अत्याचार से मुक्त कराया। पं. जोशी ने बताया कि धरती पर रूद्राक्ष और इसकी माला का बहुत महत्व है। पुराणों के अनुसार इसे धारण करने वालों पर शिव की कृपा होती है। रुद्राक्ष पहनना पवित्रता का प्रतीक और पापों से मुक्तिदायक माना गया है। इसे पहनना जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्त होना बताया गया है। अन्यथा मनुष्य लाखों जन्मों तक जीवन चक्र में बंधा हुआ मृत्युलोक में जन्म लेता रहेगा।

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