सेवाभाव रखने वाला ही सफल व्यापारी : प्रदीप रश्मि
एसएस जैन सभा मलोट में प्रदीप रश्मि ने श्रद्धालुओं को प्रवचन दिए।
संवाद सूत्र मलोट, (श्री मुक्तसर साहिब)
एसएस जैन सभा मलोट में प्रदीप रश्मि ने श्रद्धालुओं से कहा कि महापुरुषों ने सोलह प्रकार के सुखों का बखान किया है। इन सोलह सुखों को इंसान ने हमेशा पुरुषार्थ से ही प्राप्त किया है। इनमें एक सुख व्यक्ति के व्यापार से संबंधित है।
अगर व्यक्ति का व्यापार अच्छा चलता है तो उसका जीवन भी सुखी है घर और समाज भी सुखी है। अगर किसी व्यक्ति का व्यापार खत्म हो जाता है तो उस व्यक्ति का जीवन घर परिवार दुखी हो जाता है। व्यापार की सफलता भी व्यक्ति के सुख का आधार है इसलिए लोग सफल व्यापारी बनने के लिए पुरुषार्थ करते हैं। उन्होंने कहा जिस व्यापारी का उद्देश्य लाभ कमाना नहीं, ग्राहक की सेवा करना होता है वही व्यापारी सफल व्यापारी होता है। बेइमानी के द्वारा तुम थोड़े समय के लिए धन एकत्रित कर सकते हो परंतु बेइमानी का पैसा लंबे समय तक नहीं ठहरता है। कहावत है चोरी का पैसा मोरी में। वहीं लोग सफल हुए हैं जो ईमानदार बने रहे हैं। सफल व्यापारी बनने के लिए इमानदारी से बढि़या कोई पॉलिसी नहीं है। आदर्श व्यापारी का दूसरा गुणा है कि वह सत्य निष्ठा हो। सत्यनिष्ट व्यापारी की सौरभ दूर-दूर तक फैला करती है। व्यापारी को अपनी भाषा मीठी रखनी चाहिए और सहन शक्ति बढ़ानी चाहिए। इसलिए तो कहा जाता है मीठा बोलने वाले व्यक्ति की मिर्ची भी बिक जाता करती है और कड़वा बोलने वाले का शहद भी नहीं बिका करता है। अच्छा व्यापारी बनने के लिए व्यक्ति का शारीरिक मानसिक और नैतिक विकास उच्च कोटि का होना चाहिए। धर्म हमें यही सिखाता है कि जो दूसरों का भला करते हैं उनका ही भला होता है।