कार्तिक माह में जलाशयों में स्नान करने पर होती है देवताओं की विशेष कृपा
स्वामी कमलानंद गिरि जी महाराज ने वीरवार को एकादशी कथा सुनाई।
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब : स्वामी कमलानंद गिरि जी महाराज ने वीरवार को एकादशी कथा सुनाई। उन्होंने इस दौरान कहा कि शास्त्रों में सोलह प्रकार से भगवान की पूजा का विधान बताया गया है। उनका कहना है कि आह़्वान से लेकर नमस्कार तक सोलह सामग्रियां होती हैं। स्वामी ने यह विचार श्री राम भवन में चल रहे वार्षिक कार्तिक महोत्सव के तहत श्रद्धालुओं के विशाल जनसमूह के समक्ष प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए व्यक्त किए। आसुरी और दैवीय शक्तियों का वर्णन करते हुए महाराज ने कहा कि आसुरी शक्ति हमेशा अपनी तपस्या द्वारा प्राप्त शक्ति का दुरुपयोग करती है और दैवीय शक्तियां प्राप्त शक्ति का हमेशा सदुपयोग करती हैं। स्वामी ने बताया कि कार्तिक के महीने में जलाशयों में लक्ष्मी-नारायण समेत सभी देवी-देवताओं का वास होता है, इसीलिए जलाशय चाहे वह गंगा हो, यमुना हो, तीर्थराज प्रयाग हो या कोई भी तीर्थ नदी या अन्य कोई भी जलाशय हो वहां स्नान करने से कार्तिक के महीने में जलाशय में रहने वाले सभी देव, ऋषि-मुनि एवं भगवान नारायण की विशेष कृपा प्राप्त हो जाती है। अत: किसी भी जलाशय में कार्तिक के महीने में स्नान जरूर करना चाहिए। स्वामी ने बताया कि द्वादशी के दिन घर के मुख्यद्वार पर दक्षिण दिशा की ओर मुख वाला दीपक और कुछ पैसों के सिक्के डालने चाहिए। इससे शुभ शगुन होता है।
धनतेरस पर करें यह काम, होगी तरक्की
स्वामी ने कहा कि त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरि जी का अवतार हुआ है जो देवताओं के वैद्य है। त्रयोदशी के दिन ही धनवंतरी समुद्र से कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए श्रृंगार सामग्री एवं अमूल्य वस्तु बाजार से खरीदने का महत्वपूर्ण दिन माना गया है। धनिया के कुछ सूखे दाने धनतेरस के दिन खरीदकर घर में रखें और दीवाली के दिन घर, दुकान, गोदाम, खेत, जमीन एवं खजाने में बिखेर देने से उन्नति और तरक्की होती है।
मां भगवती जगदंबा की पूजा में करें सफेद रंग की वस्तुओं का उपयोग
धनतेरस में जगत जननी भगवती महामाया जगदंबा की पूजा कल्याणकारी है। पूजा में जो कोई भी भोग सामग्री लाएं वो सफेद रंग का हो, खासकर मिष्ठान। ऐसा करना लाभकारी होने के साथ-साथ लक्ष्मी की वृद्धि कराने वाला होता है। आज के दिन कुबेर भंडारी को भी प्रसन्न करने के लिए धूप-दीप, मिष्ठान फल से पूजन करने के बाद कुबेर जी के मंत्र का जप करना भी धन वृद्धि कराने वाला होता है। स्वामी ने कहा कि कार्तिक के महीने में नित्य नए-नए त्यौहार आते हैं जो लोगों को खुश व प्रसन्न रहने, आपसी प्रेम और सौहार्द बांटने और अपने अंदर की बुराइयों को निकाल कर अच्छाइयों को स्वीकार करने की प्रेरणा देते हैं।