बिना स्वीकृति अब धार्मिक स्थलों पर नहीं बज पाएंगे लाउडस्पीकर
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा धार्मिक स्थलों पर बिना पूर्व स्वीकृत के लाउडस्पीकरों के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी गई है।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट,
पंजाब, हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा धार्मिक स्थलों पर बिना पूर्व स्वीकृत के लाउडस्पीकरों के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी गई है। पांच अलग-अलग जनहित याचिकाओं की सुनवाई व लोक हित में हाईकोर्ट द्वारा यह फैसला लिया गया है। हाईकोर्ट द्वारा अपने आदेश में कहा गया है कि धार्मिक स्थलों को लाउडस्पीकर की इजाजत देते समय यह ध्यान रखना होगा कि आवाज का स्तर दस डिस्बिल से अधिक न हो।
हाईकोर्ट द्वारा यह भी हिदायत की गई है कि लाउडस्पीकर, जनतक सूचना प्रणाली, संगीत के साधन व साउंड एंपीफायर रात के समय आडीटोरियम, कांफ्रेंस रूम, कम्युनिटी हाल, बैकेट हॉल आदि में रात के समय न चलाए जाए, इसके अलावा यह भी कहा गया है कि पब्लिक एड्रेस सिस्टम रात के समय दस से सुबह छह बजे तक न प्रयोग किए जाए। वार्षिक परीक्षाओं से 15 दिन पहले लाउडस्पीकर की स्वीकृत नहीं दी जाएगी।
हाईकोर्ट द्वारा जिला पुलिस प्रमुख को हिदायत दी गई कि एमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर रात्रि दस से सुबह छह बजे तक किसी को भी लाउडस्पीकर की स्वीकृत न दी जाए, इसके अलावा रात्र के समय रिहायसी हिस्सों में कोई और भी आवाज वाले उपकरण न बचने पाए, जिससे लोगों की शांत न भंग पाने पाए। यहीं पुलिस को ध्वनि प्रदूषण रोकने की दिशा में प्रभावी कदम उठाने को कहा गया, मोटर साइकिलों में साइलेंसर अनिवार्य होना चाहिए। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति मेला, धार्मिक समागम, विवाह समारोह व सार्वजनिक समागमों में हथियार न लेकर जाए। लाईव शो के दौरान शराब व दूसरे नशा के साथ हिसा को बढ़ावा देने वाले गाने पर पाबंदी रहेगी। यहीं नहीं 12 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे को सिनेमा घर में दाखिल होने की स्वीकृत नहीं होगी। हाईकोर्ट द्वारा जिला प्रशासन को निर्देश दिए है शिक्षण संस्थाओं के पास नग्न पोस्टर, अद्ध नग्न पोस्टर व अश्लील पोस्टर लगाने न पाए।