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पंजाबी भाषा के अपमान से लेखकों में रोष

साहित्यक सभा के प्रधान डॉ. परमजीत सिंह ढींगरा प्रो. लोकनाथ कहानीकार गुरसेवक सिंह प्रीत तथा एमई गुरजीत सिंह खफा हुए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 11:29 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 06:37 AM (IST)
पंजाबी भाषा के अपमान से लेखकों में रोष

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब : भाषा विभाग के समागम में पंजाबी भाषा प्रति की गई अभद्र टिप्पणी से साहित्यक सभा के प्रधान डॉ. परमजीत सिंह ढींगरा, प्रो. लोकनाथ, कहानीकार गुरसेवक सिंह प्रीत तथा एमई गुरजीत सिंह खफा हुए। उन्होंने कहा कि इस समागम में पंजाबी तथा पंजाबी के सीनियर लेखक तथा साहित्यक नेता खिलाफ भद्दी टिप्पणियां की गई। उन पर हुटिग की गई और उन्हें बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ भाषा तथा साहित्य का अपमान है बल्कि बोलने व विचार प्रकट करने की आजादी पर भी हमला है। इंसान को हर भाषा का सत्कार करना चाहिए। किसी भी भाषा का अपमान करना शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि पंजाबी भाषा के मान और सत्कार को बहाल रखने के लिए समूह पंजाबियों को एकजुट होना चाहिए। हिदी तथा पंजाबी का बहुत ही नजदीकी साथ है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब में कई भाषाएं है। इसलिए किसी भी भाषा को बड़ा या छोटा नहीं देखना चाहिए। पंजाबी भाषा प्रति अपनाई जा रही घटिया सोच की निदा करते हुए इसके बेहतरी के लेखकों तथा बुद्धिजीवियों को आगे आने की जरुरत है।

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