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दीवाली की भीड़ में दबे डीसी के आदेश, पॉलीथिन का प्रयोग धड़ल्ले से जारी

डीसी के आदेशों के बाद नगर कौंसिल की ओर से शुरु की गई पॉलिथीन बंद करवाने की मुहिम मात्र एक दो दिन चलकर ही ठुस्स हो गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 05:12 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:24 AM (IST)
दीवाली की भीड़ में दबे डीसी के आदेश, पॉलीथिन का प्रयोग धड़ल्ले से जारी
दीवाली की भीड़ में दबे डीसी के आदेश, पॉलीथिन का प्रयोग धड़ल्ले से जारी

सरबजीत सिंह, श्री मुक्तसर साहिब

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डीसी के आदेशों के बाद नगर कौंसिल की ओर से शुरू की गई पॉलीथिन लिफाफे बंद करवाने की मुहिम मात्र एक दो दिन बाद ही ठुस हो गई। पॉलीथिन की बिक्री बाजार में धड़ल्ले से जारी है। बाजार में हर दुकान व रेहड़ी पर पॉलिथीन के लिफाफे पड़े हुए हैं, लेकिन नगर कौंसिल के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को यह दिखाई नहीं दे रहे। डीसी के आदेश दीवाली पर्व के नीचे दबकर रह गए हैं। कोई भी अधिकारी इसकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

कुछ समय पहले डीसी कार्यालय में हुई बैठक के दौरान डीसी एमके अराविद कुमार ने नगर कौंसिल के ईओ बिपिन कुमार बांसल को सख्ती से आदेश जारी किए थे कि पॉलीथिन को बंद करवाने की मुहिम चलाई जाए। शहर में सभी दुकानों व रेहड़ी पर छापामारी करते हुए इनके चालान काटे जाएं। इसके लिए डीसी ने दो अक्टूबर को खुद भी दुकानों से पॉलीथिन एकत्रित किए थे। डीसी के आदेश जारी होने के बाद नगर कौंसिल की ओर से एक दिन के लिए शहर में छापामारी की गई। जिस दौरान पॉलीथिन जब्त किए गए थे लेकिन उसके बाद यह मुहिम ठुस हो गई। बाद में न तो किसी ने इस मुहिम का जिक्र किया और न ही छापामारी हुई।

शहर में पाबंदी के बावजूद पॉलीथिन के लिफाफे धड़ल्ले से बिक रहे हैं। शहर की ऐसी कोई भी दुकान नहीं होगी, जिस पर पॉलिथीन के लिफाफे न हो। बाजार से कोई भी समान लेकर जाने वाले लोग इन लिफाफों से ही लेकर जाते हैं। यहां तक कि नगर कौंसिल के कर्मचारी भी शाम के समय खुद सब्जी मंडी से पॉलिथीन के लिफाफे में सब्जी डलवाकर जाते दिखाई देते हैं। लेकिन इन्हें बंद करवाने के लिए कोई प्रयत्न नहीं कर रहे। कुछ दुकानदारों ने तो बाहर जूट के बैग दिखाने को रखे हैं लेकिन अंदर छिपाकर पॉलीथिन रख छोड़ा है। इनसेट

फिर से की जाएगी छापामारी : सेनेटरी इंस्पेक्टर

नगर कौंसिल के सेनेटरी इंस्पेक्टर जगजीत सिंह का कहना था कि उन्होंने तो बहुत चालान किए हैं। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि अब तक कितने चालान किए गए हैं तो वह इधर उधर की बाते करने लगे और कहने लगे कि वह बाद में बात करते हैं। जबकि गिद्दड़बाहा व बरीवाला में लगातार चालान काटे जा रहे हैं। सबसे अधिक गिद्दड़बाहा में चालान काटकर जुर्माना वसूल किया जा रहा है।


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