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सिविल अस्पताल में ओपीडी बंद

कोरोना के बढ़ रहे कहर और फरीदकोट में मरीज की पुष्टि होने के बाद सेहत विभाग और प्रशासन और भी गंभीर हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 04:56 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 05:26 PM (IST)
सिविल अस्पताल में ओपीडी बंद
सिविल अस्पताल में ओपीडी बंद

सरबजीत सिंह, श्री मुक्तसर साहिब

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कोरोना के बढ़ रहे कहर और फरीदकोट में मरीज की पुष्टि होने के बाद सेहत विभाग और प्रशासन और भी गंभीर हो गया है। जिसके बाद सिविल अस्पताल में ओपीडी समेत अन्य सेवाएं बंद करते हुए इन सभी को नजदीक ही मलोट रोड पर स्थित मिशन अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है। अब सभी सुविधाएं वहां पर दी जाएंगी। सिविल अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। अब यहां पर अकेले कोरोना से संबंधित मरीजों को ही लाया जाएगा। गायनी और बच्चों समेत इमरजेंसी सेवाएं मिशन अस्पताल में ही देखी जाएंगी।

सिविल सर्जन की ओर से इस कार्य के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। जोकि मिशन अस्पताल में इन प्रबंधों का रख रखाव करेगी। जिसमें डॉ. रेशम सिंह को चेयरमैन व कार्यकारी सीनियर मेडिकल अधिकारी लगाया गया है। डॉ. राहुल जिदल और डॉ. राणा चावला को सदस्य लिया गया है। मनजीत कौर, बेअंत सिंह फार्मासिस्ट, हरजिदर सिंह कम्प्यूटर आपरेटर, ओट क्लीनिक के काउंसलर समेत सफाई सेवक भी साथ ही रखा गया है। रविवार से अपना काम शुरू कर देंगे। अब गायनी, बच्चों का उपचार समेत अन्य रोगों के डाक्टर मिशन अस्पताल में ही बैठेंगे।

सिविल अस्पताल में डायलिसिस मशीन भी बंद कर दी गई हैं। जिस कारण वहां पर लोगों को परेशानी आ रही है। मुक्तसर निवासी अनिल अनेजा ने बताया कि उसके चाचा डायलिसिस के मरीज हैं। सप्ताह में दो बार डायलिसिस होता है। सिविल अस्पताल वालों न जवाब दे दिया है। अब कंट्रोल रूम वालों ने गिद्दड़बाहा का नंबर दिया है कि वहां पर डायलिसिस करवाएं। जबकि गिद्दड़बाहा वालों का कहना है कि उनके पास तो पहले ही मरीज बहुत है। अनिल अनेजा का कहना है कि बीते मंगलवार को डायलिसिस होना था लेकिन अभी तक नहीं हो पाया है। मुक्तसर में करीब 12 मरीज हैं जिनका डायलिसिस होता है। इनसेट

कोरोना के कारण बदली गई व्यवस्था : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ. हरी नारायण का कहना है कि कोरोना को देखते हुए ही इसे बदला गया है। डायलसेस का भी वह जल्द ही डीसी से बात कर प्रबंध करवाएंगे। ताकि मरीजों को कोई परेशानी न आए।


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