जबरन सेवानिवृत्ति पर करेंगे संघर्ष
ऑल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन जिला श्री मुक्तसर साहिब ने शुक्रवार को जिला प्रधान छिदरपाल कौर थांदेवाला के नेतृत्व में राज्य कमेटी के दिशा निर्देशों अनुसार जिला प्रोग्राम अधिकारी के दफ्तर समक्ष रोष प्रदर्शन किया गया और सरकार की मुलाजिम मारु नीतियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। यूनियन के प्रांतीय प्रधान हरगोबिद कौर ने विशेष तौर पर पहुंची। यूनियन की तरफ से जिला प्रोग्राम अधिकारी द्वारा सरकार और विभाग के उच्च अधिकारियों को मांग पत्र भेजा गया और कहा गया कि पहले सेवा मुक्त होने वाली वर्करों को बनते सभी
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब
ऑल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन जिला श्री मुक्तसर साहिब की ओर से शुक्रवार को जिला प्रधान छिदरपाल कौर थांदेवाला के नेतृत्व में राज्य कमेटी के दिशा निर्देशों अनुसार जिला प्रोग्राम अधिकारी के दफ्तर समक्ष रोष प्रदर्शन किया गया। सरकार की मुलाजिम मारु नीतियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई।
यूनियन के प्रांतीय प्रधान हरगोबिद कौर ने मांग की कि जो कोई आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्पर 70 साल की हो चुकी हैं, उनको विभाग की तरफ से जबरन सेवानिवृत्त न किया जाए और सरकार की शर्तों मुताबिक पहले उनको क्रमवार पेंशन के तौर पर एक लाख रुपये और 50 हजार रुपया दिया जाए। यदि विभाग ने इन वर्करो और हैलपरों को जबरदस्ती सेवा मुक्त किया तो यूनियन की तरफ से राज्य भर में संघर्ष शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले समय दौरान पंजाब सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था कि एक अप्रैल 2019 से 70 साल की आयु वाली वर्करों और हैलपरों को सेवानिवृत्त किया जाएगा और इनको एक लाख और 50 हजार रुपये पेंशन के तौर पर दिए जाएंगे। वर्करों और हेल्परों को पैसे तो दिए नहीं गए और विभाग की तरफ से उनको सेवानिवृत्त करने के लिए हुक्म दिए जा रहे हैं, जिस का जत्थेबंदी की तरफ से सख्त विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो नोटिफिकेशन प्री नरसरी स्कूलों में दाखिल किये गए बच्चों को वापस आंगनबाड़ी सेंटरों में भेजने बारे जारी किया था, उसको तो लागू नहीं किया गया और न ही एनजीओ अधीन चल रहे ब्लाकों को वापस विभाग अधीन लाए जाने वाला नोटिफिकेशन लागू हुआ है। परन्तु अकेले सेवा मुक्ति वाले नोटिफिकेशन पर ही अमल किया जा रहा है।
इस मौके कुलदीप कौर भट्ठा, ज्ञान कौर दूहेवाला, गगन मल्लन, किरनजीत कौर भंगचड़ी, जसविन्दर कौर दोदा, ऊकार कौर मलोट, किरनपाल कौर महांबद्धर, बलजिदर कौर खप्यांवाली, प्रभजोत कौर रणजीतगढ़, मनजीत कौर डोहक, परमजीत कौर बावा, चरनजीत कौर, हरप्रीत कौर मुक्तसर और सुखविन्दर कौर संगूधौण आदि नेता मौजूद थे।