कंजक पूजन पर बेटी को जन्माधिकार देने का भी लें प्रण : शीला दीदी
संवाद सूत्र, गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब) प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तिलक
संवाद सूत्र, गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब)
प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तिलक नगर की गली नंबर दो में स्थित सेवा केंद्र में नवरात्र के उपलक्ष्य में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सेवा केंद्र की संचालिका राज्योगिनी ब्रह्माकुमारी शीला दीदी ने प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए कहा कि नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की अराधना की जाती है। अष्टमी व नवमी पर कंजक पूजन किया जाता है। परंतु आज के समय में कन्याओं की संख्या कम होती जा रही है। हालांकि इस बात को भी लोग भली भांति जानते हैं और लोग कंजक पूजन भी करते हैं परंतु बेटी को जन्म देने से डरते हैं। आज भी चोरी छिपे कन्या भ्रूण हत्या की जा रही है जोकि आज के समाज लिए कलंक है। कन्या पूजन इसलिए किया जाता है कि मां दुर्गा भी एक कन्या थी। मां के सभी स्वरूपों को कन्या के रूप में दिखाया गया है। मां के सभी स्वरूपों की अलग-अलग मान्यता है। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा ब्रह्माकुमारी बहनों को सम्मानित भी किया गया।
इस मौके पर मैनेजर गुर¨वदर ¨सह, वेद प्रकाश गोयल, एडवोकेट दे¨वदर मोंगा, लवलीश गोयल, रमेश गुप्ता, मदन बीकानेरी, म¨नदर, विजय मोंगा, सु¨रदर ¨सगला, सरिता ¨सगला, कौशल्या गोयल, प्रकाश कौर के अलावा अन्य श्रद्धालु भी मौजूद थे।