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जन्में हैं रघुराई बांट दो सबको मिठाई.. पर झूमे श्रद्धालु

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से नई अनाज मंडी में रविवार र

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Feb 2018 04:21 PM (IST)Updated: Mon, 26 Feb 2018 04:21 PM (IST)
जन्में हैं रघुराई बांट दो सबको मिठाई.. पर झूमे श्रद्धालु
जन्में हैं रघुराई बांट दो सबको मिठाई.. पर झूमे श्रद्धालु

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब :

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दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से नई अनाज मंडी में रविवार रात से शुरू हुई पांच दिवसीय श्री राम कथा के प्रथम दिन काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। प्रवचन की अमृतवर्षा करते हुए कथा व्यास साध्वी सुश्री शचि भारती जी ने श्री राम जन्म प्रसंग को भक्तों के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म की समृद्धि होती है तो भक्तों की रक्षा करने व दानवों का नाश करने के लिए परमात्मा को इस संसार में आना पडता है। साध्वी जी ने कहा कि भगवान श्री राम चंद्र का जन्म आदर्श है। युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। आदर्श पुत्र, आदर्श भ्राता, आदर्श मित्र, आदर्श शत्रु समस्त चरित्रों की गुण धाराएं श्री राम जी में समाहित हैं। श्री राम जी का सकल जीवन भक्तों के लिए प्रेरक है। उनके हर जीवन आर्दश को आप अपने चित्र पर उकेर सकते हैं। अपने जीवन की मनिका में पिरो सकते हैं। साध्वी जी ने कहा कि अयोध्या की पावन पुनीत धरती पर जब श्री राम जी अवतरित होते हैं तो समस्त आयोध्या वासी, ऋषि मुनी एंव प्राकृति का कण-कण आनंदित हो उठता है। सभी प्रभु के रंग में रंग जाते हैं। साध्वी जी ने समझाते हुए कहा कि मानव शरीर भी आयोध्या की तरह है जिसमें प्रभु श्री राम निवास करते हैं। मानव की आत्मा सीता का प्रतीक है परंतु आज के समय में वह मन रूपी रावण के वश में है। आज जीवन में हनुमान जी जैसे गुरु की जरुरत हैं और आत्मा को परमात्मा का संदेश दे सकें। चार पल हर किसी के बस में नहीं है। लेकिन जब एक सच्चा गुरु मिल जाता है तो यह पल हमारे हो जाते हैं। फिर हम जैसे चाहें इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। गुरु के बिना पूर्ति नहीं होती। मनुष्य भटकता रहता है। इसे प्रभू के साथ मिलाने के लिए एक सच्चे गुरु की जरुरत है। इस मौके भारत भूषण ¨बटा, विजय गर्ग, संजीव गुप्ता, रवि गर्ग और रोशन लाल समेत बड़ी गिनती में श्रद्धालु उपस्थित थे।


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