मांग मानने तक जारी रहेगा धरना
शहर में बढ़ रही ट्रैफिक विवशता को दुरुस्त रखे के लिए पार्क बनाया गया था।
संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब)
शहर में बढ़ रही ट्रैफिक विवशता को दुरुस्त रखे के लिए 2010-11 में एडवर्डगंज सोसायटी द्वारा शहर के पुराने डाकघर चौक में संस्था के संस्थापक सेठ ठाकर दास आहूजा के नाम पर बनाई गई। लेकिन अब कुछ समय पहले इस पार्किंग में लोहे की चादरें लगाकर बूथनुमा दुकान बनाने का आस पास के दुकानदारों द्वारा पार्किंग बचाओ संघर्ष कमेटी की अगवाई में 11 नवंबर से दिया जा धरना शनिवार को 17 दिन भी जारी रहा।
शनिवार को भी सेठ ठाकर दास आहूजा पार्किंग के आसपास के दुकानदारों द्वारा पार्किंग बचाओ संघर्ष कमेटी की अगुआई में धरने देता हुए मार्केट के दुकानदार प्रदीप सोनी, पवन अरोड़ा, सोनू छाबड़ा, विशाल मल्होत्रा, प्रीत महिदर, गुलशन न्यूज एजेंसी वाले, सुधीर ढींगरा, ईशान चलाना ने बताया कि एडवर्डगंज सोसायटी बनी थी शहर में बढ़ रही ट्रैफिक समस्या को देखते हुए ही आमजन कि सहूलियत के लिए ही साल 2010-11 में यह पार्किंग एडवर्डगंज संस्था के संस्थापक सेठ ठाकर दास आहूजा के नाम पर बनी हुई है। हम करीब 20 दुकानदारों द्वारा तब के समय हर एक दुकानदर ने एक एक लाख रुपये दिया था ताकि पार्किंग बन सके। अब कुछ समय पहले ही इस सेठ ठाकर दास आहूजा मेमोरियल एडवर्डगंज पब्लिक पार्किंग में लोहे की चादरें लगाकर दुकान नुमा बूथ बना दिया गया।
उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले हम बताया गया की पार्किंग में बने चबूतरे पर काफी शाप बनाई जा रहे हैं हमें लगा कि काफी शाप काच के शीशों की होगी कोई बात नहीं। लेकिन इस चबूतरे पर लोहे की चादरें लगाकर एक दुकान नुमा बड़ा बूथ बना दिया। जिसका दुकानदारों ने भारी विरोध किया था, तब इस बूथ को बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी बात की सुनवाई नहीं होती धरना जारी रहेगा।