13 हजार की आबादी पर मंडरा रहा खतरा
मुक्तसर क्षेत्र से गुजरने वाली राजस्थान नहर इन दिनों लोगों के लिए खौफ का कारण बनी हुई है। राजस्थान नहर की एक ओर बसने वाली 13 हजार के करीब आबादी इन दिनों मौत के साए में ¨जदगी व्यतीत कर रही है। क्योंकि इन गांवों की ओर नहर से मिट्टी पानी के साथ ही बहनी शुरु हो गई है। यदि ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले कुछ समय में यह नहर टूट सकती है। जिससे साथ लगते
सरबजीत ¨सह, श्री मुक्तसर साहिब
मुक्तसर क्षेत्र से गुजरने वाली राजस्थान नहर इन दिनों लोगों के लिए खौफ का कारण बनी हुई है। राजस्थान नहर की एक ओर बसने वाली 13 हजार के करीब आबादी पर इन दिनों खतरा मंडरा रहा है। इन गांवों की ओर नहर से मिट्टी पानी के साथ ही बहनी शुरू हो गई है। यदि ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले कुछ समय में यह नहर टूट सकती है जिससे साथ लगते तीन गांवों के अधिक खतरा है। हालांकि नहर की रिपेयर के लिए हर वर्ष की करोड़ों रुपये खर्च किया जाते हैं। लेकिन ठेकेदारों की कथित मिलीभगत के चलते यह पैसा पूरा नहीं लग पाता। जिस कारण पैदा होने वाली समस्या का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है।
राजस्थान नहर की बुर्जी नंबर 275 से लेकर 279 के बीच नहर के किनारे बह रहे हैं। इसके बीच मिट्टी पानी के साथ गिर रही है और यह दरार आगे बढ़ती जा रही है। करीब आठ फीट की यह पटरी धीरे धीरे कम होती जा रही है। क्योंकि इस नहर में पानी का बहाव इस कदर तेज है कि इसके आगे कुछ भी नहीं टिक सकता। धान की रोपाई से पहले इस नहर को बंद कर इसकी सफाई व रिपेयर की गई थी। उस समय भी इसकी ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिस कारण अब यह समस्या बड़ी होने लगी है।
इस नहर के किनारे गिरने से 13 हजार के करीब लोग दहशत में है। क्योंकि जिस ओर नहर के किनारे खुर रहे हैं उस ओर गांव कोटली संघर, हराज, व¨ड़ग, बाजीगर बस्ती, भुट्टीवाला आदि गांव हैं। इस ओर इतनी निवान है कि यदि नहर टूटती है तो पानी इतनी तीव्रता से जाएगा कि कोई भी इसके आगे टिक नहीं पाएगा। गांव वासियों द¨वदर ¨सह, गुरमीत ¨सह, भरपूर ¨सह, सतपाल ¨सह, सुख¨जदर ¨सह, ¨रकू ¨सह, मन¨जदर ¨सह, दलजीत ¨सह, गुरप्रीत ¨सह, गरनैब ¨सह, सोहन ¨सह, गुर¨बदर सिह, जगमोहन ¨सह आदि ने बताया कि जब से उन्हें पता चला है कि यह किनारे खुर रहे हैं तो वह हर समय खौफ में रहते हैं। उन्होंने प्रशासन से इसे ठीक करवाने की मांग की है। इनसेट
अधिकारियों की ड्यूटी लगाकर करवाएंगे समस्या हल : डीसी
डीसी एमके अरा¨वद कुमार ने बताया कि वह अभी अधिकारियों की ड्यूटी लगाते हैं और इसका हल करवाते हैं। इसी तरह एसडीओ रुपेंदर ¨सह पाबला का कहना था कि वह खुद जाकर चेक करते हैं। इसके साथ ही वह कर्मियों की ड्यूटी लगाते हैं ताकि इसे भरा जा सके।