सबूत के अभाव में पत्नी व साला बरी
जिला एवं सेशन जज सुख¨वदर कौर की अदालत ने सबूतों के अभाव में आत्महत्या के एक मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस की और से नामजद किए गए मृतक के साले तथा पत्नी को बरी करने का फैसला सुनाया है। थाना बरीवाला पुलिस ने उक्त मामला मृतक के भाई के बयानों पर 11 फरवरी 2017 को दर्ज किया था। घटना वाले दिन 11 फरवरी 17 को गांव बाजा मराहड़ के रहने वाले सेवक ¨सह पुत्र गुरमेज ¨सह ने बताया कि उसका भाई सवरण ¨सह ससुराल में रहता था। वह अपनी पत्नी से तंग होकर 4 फरवरी 17 को सर¨हद फीडर नहर में कूद गया था। वह लोग उसकी तलाश करते हुए कोटकपूरा रोड पुल से गांव कोटली संघर की ओर जा रहे थे। उसके अनुसार पुल से करीब ए
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब
जिला एवं सेशन जज सुख¨वदर कौर की अदालत ने सबूतों के अभाव में आत्महत्या के एक मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस की और से नामजद किए गए मृतक के साले तथा पत्नी को बरी करने का फैसला सुनाया है। थाना बरीवाला पुलिस ने उक्त मामला मृतक के भाई के बयानों पर 11 फरवरी 2017 को दर्ज किया था।
गांव बाजा मराहड़ के सेवक ¨सह पुत्र गुरमेज ¨सह ने बताया कि उसका भाई सवरण ¨सह ससुराल में रहता था। वह अपनी पत्नी से तंग होकर 4 फरवरी 17 को सर¨हद फीडर नहर में कूद गया था। वह लोग उसकी तलाश करते हुए कोटकपूरा रोड पुल से गांव कोटली संघर की ओर जा रहे थे। उसके अनुसार पुल से करीब एक किलोमीटर आगे उन्हें एक शव तैरता हुआ नजर आया है। इस मौके पर एएसआई शमशेर ¨सह व हवलदार इकबाल ¨सह पुलिस बल समेत पहुंचे तथा शव को बाहर निकालकर छानबीन की तो सेवक ¨सह ने उसकी पहचान अपने भाई स्वर्ण ¨सह के तौर पर की। पुलिस को दिए बयान में सेवक ¨सह ने बताया कि उसके छोटे भाई स्वर्ण ¨सह की शादी करीब तीन साल पूर्व गांव वट्टू निवासी गुर¨वदर कौर के साथ हुई थी, जो कि तलाकशुदा थी। करीब एक साल से दोनों पति पत्नी के बीच अनबन चल रही थी तथा रोज लड़ाई झगड़ा होता था। उसने बताया कि 4 फरवरी 17 को उसका भाई घर पहुंचा तो वहां उसकी पत्नी गुर¨वदर कौर के अलावा साला गग्गू ¨सह व दो अज्ञात लोग मौजूद थे। उक्त लोगों के साथ उसका किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया तथा उसने उनसे तंग आकर सर¨हद फीडर नहर में कूदकर जान दे दी। पुलिस ने गुर¨वदर कौर तथा उसके भाई गुगवीर ¨सह उर्फ गुग्गू के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी थी। अदालत ने वीरवार को सुनवाई करते हुए सबूतों के अभाव में बचाव पक्ष के एडवोकेट मनप्रीत ¨सह रंधावा की दलीलों से सहमत होकर दोनों को बरी करने का फैसला सुनाया है।