मंडी में मनेगी किसानों की दीवाली
करीब 20 दिन देरी से लगाए धान का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसान इन दिनों मंडियों में रुलने के मजबूर है। अधिक नमी के कारण उनके धान की खरीद नहीं हो रही है और मौसम सर्दी वाला होने के कारण नमी काम होने का नाम नहीं ले रही। जिस कारण किसान मंडी में ही दीपावली मनाने को मजबूर हैं। हालांकि धान इतना नहीं है। लेकिन बासपती अधिक पड़ी है। जिस कारण किसानों के लिए परेशानी बनी हुई है। उधर बात करें मार्केट कमेटी के अधिकारियों की तो वह भी बुरे फंसे हुए हैं। क्योंकि शैलर वाले अपनी मर्जी से धान उठाते है और यह लोग कुछ नहीं कर सकते। कहीं पर तो शैलर वाले 23 नमी वाला भी धान ले जाते है और कहीं पर 19 वाले को भी हाथ नहीं लगाते।
सरबजीत ¨सह, श्री मुक्तसर साहिब
20 दिन देरी से लगाए धान का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसान इन दिनों मंडियों में रुलने के मजबूर है। अधिक नमी के कारण उनके धान की खरीद नहीं हो रही है और मौसम सर्दी वाला होने के कारण नमी काम होने का नाम नहीं ले रही। जिस कारण किसान मंडी में ही दीपावली मनाने को मजबूर हैं। हालांकि धान इतना नहीं है। लेकिन बासपती अधिक पड़ी है। जिस कारण किसानों के लिए परेशानी बनी हुई है। उधर बात करें मार्केट कमेटी के अधिकारियों की तो वह भी बुरे फंसे हुए हैं। क्योंकि शैलर वाले अपनी मर्जी से धान उठाते हैं और यह लोग कुछ नहीं कर सकते। कहीं पर तो शैलर वाले 23 नमी वाला भी धान ले जाते हैं और कहीं पर 19 वाले को भी हाथ नहीं लगाते।
मंडी में बैठे कुछ किसानो का कहना था कि सानूं तां कैप्टन ई लै के बह गिया। पहलां तां 20 दिन लेट झोना लवाया हुण ऐहदों चों नमीं जादीं नीं, असीं कित्थे वेचीए। असीं हुण काहदे नाल नमी घटा दीए असीं केहड़ा पानी पाया ऐहदे च। ओदों पहलां ला लैन ¨ददे। गांव खुंडे हलाल के किसान कमल ¨सह का कहना था कि इस बार तो दीवाली मंडी में ही गुजरेगी। क्योंकि धान में नमी 22 आ रही है और सूखने का नाम नहीं ले रही। यदि छोड़कर जाते हैं तो चोर नहीं छोड़ेंगे। अब तो यहीं पर ही दीप जलाएंगे। हम तो लोगों को ही दीवाली मनाते देख लेंगे। खुद तो मना नहीं सकते।
मंडी में अब तक 74421 एमटी धान की आमद हो चुकी है। जिसमें से 73746 एमटी धान की खरीद की जा चुकी है। इतना ही नहीं इसमें से 68921 एमटी धान की लि¨फ्टग भी हो चुकी है। लेकिन बासमती अभी भी किसानों के लिए परेशानी बनी हुई है। जोकि लगातार ही किसान लेकर आ रहे हैं। बीते तीन दिन में इस कदर मंडी में बासमती आई है कि मंडी में जगह ही नहीं बची है। जिस कारण किसान और भी परेशान है। उसके साथ ही मजदूर भी परेशानी के आलम में है। मजदूर राजेश का कहना था कि उन्होंने तो काम करना है। लेकिन इस बार काम की कोई समझ नहीं आ रही है। देरी से शुरु होने के कारण समस्या आ रही है।