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कूड़ा-कर्कट उठाने वालों में शिक्षा की ज्योति जगा रहे डॉ. हरिभजन

नौकरी तो हर कोई करता है लेकिन नौकरी के दौरान लोगों की सेवा हर किसी के बस की बात नहीं है। समाज भलाई के कार्य भी वही करता है जिसने खुद गरीबी देखी हो। गरीबी से जूझते हुए पढ़ाई कर शिक्षक बने डॉ. हरिभजन प्रियदर्शनी कूड़ा कर्कट उठाने वाले बच्चों में भी शिक्षा की ज्योति जगा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 06:39 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 06:39 PM (IST)
कूड़ा-कर्कट उठाने वालों में शिक्षा की ज्योति जगा रहे डॉ. हरिभजन
कूड़ा-कर्कट उठाने वालों में शिक्षा की ज्योति जगा रहे डॉ. हरिभजन

सरबजीत ¨सह, श्री मुक्तसर साहिब

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नौकरी तो हर कोई करता है लेकिन नौकरी के दौरान लोगों की सेवा हर किसी के बस की बात नहीं है। समाज भलाई के कार्य भी वही करता है जिसने खुद गरीबी देखी हो। गरीबी से जूझते हुए पढ़ाई कर शिक्षक बने डॉ. हरिभजन प्रियदर्शनी कूड़ा कर्कट उठाने वाले बच्चों में भी शिक्षा की ज्योति जगा रहे हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे कार्य हैं जोकि वह कर रहे हैं, जिनके बल पर ही उन्हें शिक्षक दिवस पर जालंधर में स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

डॉ. हरिभजन जिनका बीते दस वर्ष का रिजल्ट शत प्रतिशत रहा है। इसके अलावा वह रिसोर्स र्सन के तौर पर भी शिक्षकों को सिखलाई दे चुके हैं। रिसर्च पेपर भी उनके प्रकाशित हो चुके हैं। एनएसएस में भी वह विशेष भूमिका अदा करते आ रहे हैं।

हर वर्ष लेते हैं दो बच्चों गोद

डॉ. हरिभजन हर वर्ष दो बच्चों को गोद लेते हैं जिनकी पढ़ाई का खर्च वह खुद करते हैं। यह वही बच्चे होते हैं जोकि खुद अपनी फीस अदा नहीं कर पाते लेकिन पढ़ाई में होशियार हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक बुक बैंक भी खोल रखा है। जहां से वह जरूरतमंद बच्चों को पुस्तकें मुफ्त में मुहैया करवाते हैं।

कूड़ा कर्कट उठाने वाले बच्चों को भी पढ़ा रहे हैं

इनकी ओर से एक मानव कल्याण सेवा सोसायटी का गठन किया गया है। जिसके सदस्य मिलकर गलियों में कूड़ा कर्कट उठाने वाले बच्चों को पढ़ाते हैं। इस समय उनके पास 80 के करीब बच्चे पढ़ रहे हैं। जिनमें से 15 बच्चों को इस बार स्कूल में दाखिल करवा दिया गया है। स्कूल में उनके बच्चे नैशनल स्तर पर ऐसे राइ¨टग में तीसरा स्थान हासिल कर चुके हैं।जबकि हाइ¨टग ट्रे¨नग में आल इंडिया में पहला स्थान प्राप्त करने वाला इसका छात्र ज¨तदर अब पंजाब पुलिस में सेवाएं दे रहा है।

मानसिक कमजोर बच्चो के लिए भी किया प्रयत्न

डॉ. हरिभजन मानसिक तौर पर कमजोर बच्चों के लिए भी एक मड्यूल तैयार कर चुके हैं। जिससे बच्चों को पढ़ाया जा सके और उन्हें समय के अनुसार बनाया जा सके। उन्होंने एक व्यायकरण की बुक भी लिखी है और शिक्षकों की पढ़ाने की विधि पर भी एक पुस्तक लिखी है। जिससे शिक्षकों की पढ़ाने की विधि आसान की है।


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