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कापी--सरकार की नाकामी ले डूबेगी पंजाब को : बादल

फोटो संख्या 22 संवाद सूत्र लंबी (श्री मुक्तसर साहिब) पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि सरकार की नाकामी के कारण लोगों के छोटे छोटे बिल फंसे हुए हैं। सरकर अढ़ाई वर्ष के बाद भी खजाना खाली होने की दुहाई दे रही है जबकि उनके समय तो कभी ऐसा नहीं हुआ। यह पता नहीं पैसा कहां लेकर जा रहे हैं जोक इनके पास हमेशा ही खजाना खाली रहता है। वह लंबी हलके के गांवों में मृतकों के परिवारों से दुख प्रकट करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की यह नाकामी ही पंजाब को ले डूबेगी। लंबी हलके में कोई भी ड्रे

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 05:40 PM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 06:30 AM (IST)
कापी--सरकार की नाकामी ले डूबेगी पंजाब को : बादल
कापी--सरकार की नाकामी ले डूबेगी पंजाब को : बादल

संवाद सूत्र, लंबी (श्री मुक्तसर साहिब)

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पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि सरकार की नाकामी के कारण लोगों के छोटे-छोटे बिल फंसे हुए हैं। सरकर ढ़ाई वर्ष के बाद भी खजाना खाली होने की दुहाई दे रही है जबकि उनके समय तो कभी ऐसा नहीं हुआ। वह लंबी हलके के गांवों में मृतकों के परिवारों से दुख प्रकट करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की यह नाकामी ही पंजाब को ले डूबेगी। लंबी हलके में कोई भी ड्रेन की सफाई नहीं की है। सभी अधिकारियों को कह दिया है लेकिन वह बिल पास न होने का कहकर सफाई नहीं करवा रहे हैं। कर्मियों को वेतन न मिलने पर उन्होंने कहा कि इनके पास कोई प्रबंध नहीं है। सरकार को चलाने के लिए भी पूरा इंतजाम करना चाहिए। असलहा जमा न होने पर उन्होंने कहा कि यह सरकार की नाकामी है। उनके पास पूरा रिकार्ड है। यदि वह चाहे तो सब कुछ कर सकते हैं। कानून की स्थिति सबसे अधिक जरूरी होती है। वह तभी सही रहती है जब मुख्यमंत्री का ध्यान हो और अधिकारियों को कुछ डर हो। अधिकारियों की कोई पूछताछ न होने के कारण उन्हें कोई डर नहीं है। जिस कारण पंजाब का माहौल बिगड़ा हुआ है। इस पर खास ध्यान देने की जरूरत है।

पहले के मुकाबले सोमवार को गांव मिड्डूखेड़ा में बादल के साथ अधिक सुरक्षा के इंतजाम दिखाई दिए। क्योंकि यह गांव अकाली नेता तेजिदर सिंह व यूथ के जिलाध्यक्ष अकाशदीप सिंह का है। लेकिन यहां पर शिअद का पिछले दिनों में काफी विरोध हुआ था। गांव के कुछ लोग ही बार बार यह कह रहे थे कि जब मौत हुई थी तब तो किसी ने बात नहीं पूछी अब छह माह के बाद पुराने जख्म ताजे करने के लिए आ गए हैं।


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