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मलोट हलके को नसीब नहीं हुआ स्थानीय विधायक

मलोट राज्य का शायद एक मात्र ऐसा विधानसभा हलका होगा जिसे आज तक एक भी विधायक स्थानीय हलके का नहीं मिल पाया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 11:59 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 11:59 PM (IST)
मलोट हलके को नसीब नहीं हुआ स्थानीय विधायक
मलोट हलके को नसीब नहीं हुआ स्थानीय विधायक

सुभाष चंद्र, श्री मुक्तसर साहिब

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मलोट राज्य का शायद एक मात्र ऐसा विधानसभा हलका होगा, जिसे आज तक एक भी विधायक स्थानीय हलके का नहीं मिल पाया है। वर्ष 1952 के पहले चुनाव से लेकर 2017 के बीते चुनाव तक जितने भी इस हलके से विधायक चुने गए हैं, सभी मलोट से बाहरी हलकों के ही हैं। दिलचस्प है कि अब 2022 के विधानसभा चुनाव में जीतने वाला प्रत्याशी भी संभवत बाहरी ही होगा क्योंकि कांग्रेस, आप और शिअद के प्रत्याशी बाहरी हलकों से ही संबंधित हैं जबकि भाजपा और संयुक्त मोर्चा के प्रत्याशी अभी मैदान में आने बाकी हैं। राज्य में जब भी विधानसभा चुनाव आते हैं तो हर बार इस आरक्षित हलके में सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की तरफ से बाहर के हलकों के नेता ही यहां पर प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारे जाते हैं। विडंबना है कि मलोट में कोई भी राजनीतिक पार्टी स्थानीय स्तर कोई बड़ा नेता नहीं पैदा कर सकी है, जिसे विधानसभा चुनावों में मैदान में उतारा जा सके।

मलोट के वर्ष 1952 के पहले विधानसभा चुनाव में यहां से पूर्ण सिंह मधीर विधायक चुने गए थे जोकि गिद्दड़बाहा हलके के गांव मधीर के निवासी थे। वर्ष 1957 में यहां से आरक्षित हलके से तेजा सिंह विधायक चुने गए, जोकि मुक्तसर हलके के निवासी थे। इसी तरह जनरल हलके से प्रकाश सिंह बादल विधायक बने थे, जोकि लंबी हलके के गांव बादल के निवासी हैं। 1962, 1967 तथा 1969 के चुनावों में यहां से लगातार तीन बार गुरमीत सिंह विधायक बनते रहे, वे भी मुक्तसर के थे। वर्ष 1972 के चुनाव में यहां से गुरबिदर कौर बराड़ विधायक चुनी गई थी, वह भी मुक्तसर हलके के गांव सराएनागा की निवासी थी। वर्ष 1977 में दाना राम विधायक बने, जोकि लंबी के गांव भीटीवाला के निवासी थे। 1980 में मातू राम विधायक बने, जोकि मुक्तसर के निवासी थे। वर्ष 1985 के चुनाव में शिव चंद विधायक बने, जोकि गिद्दड़बाहा के निवासी थे। वर्ष 1992 में बलदेव सिंह बल्लमगढ़ विधायक बने, वह भी मुक्तसर के गांव बल्लमगढ़ के निवासी हैं। वर्ष 1997 में सुजान सिंह विधायक चुने गए, वह गिद्दड़बाहा हलके के गांव कोटभाई के निवासी थे। वर्ष 2002 के चुनाव में नत्थू राम विधायक बने, जोकि लंबी के गांव भीटीवाला के निवासी हैं। वर्ष 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में हरप्रीत सिंह कोटभाई विधायक बने, वह भी गिद्दड़बाहा हलके के गांव कोटभाई के निवासी हैं। हालांकि बाद में हरप्रीत मलोट आकर बस गए। जबकि वर्ष 2017 के चुनाव में अजायब सिंह भट्टी विधायक बने, जोकि मोगा जिले के गांव बिलासपुर के निवासी हैं।

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इस बार ये आजमा रहे अपनी किस्मत

अब अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए यहां से कांग्रेस की रूपिदर कौर रूबी मैदान में हैं, जो बठिडा की निवासी हैं। आप से डा. बलजीत कौर मैदान में, वह फरीदकोट की निवासी है। शिअद से हरप्रीत सिंह कोटभाई हैं, जोकि बेशक अब मलोट रहने लग गए हैं, लेकिन मूल रूप से गिद्दड़बाहा के गांव कोटभाई के निवासी ही माने जाते हैं।

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मलोट हलके से कब-कब कौन बना विधायक

1952- पूर्ण सिंह मधीर, शिअद

1957- तेजा सिंह कांग्रेस, (अनूसूचित जाति)

1957- प्रकाश सिंह बादल, कांग्रेस (जनरल)

1962- गुरमीत सिंह, कांग्रेस

1967- गुरमीत सिंह, कांग्रेस

1969- गुरमीत सिंह, कांग्रेस

1972- गुरबिदर कौर बराड़, कांग्रेस

1977- दाना राम, सीपीआई

1980- मातू राम, कांग्रेस

1985- शिव चंद, कांग्रेस

1992- बलदेव सिंह, यूसीपीआइ

1997- सुजान सिंह, शिअद

2002- नत्थू राम, सीपीआइ

2007- हरप्रीत सिंह, शिअद

2012- हरप्रीत सिंह, शिअद

2017- अजायब सिंह भट्टी, कांग्रेस


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