घरेलू हिसा पर आनलाइन डिबेट, 30 छात्रों ने लिया हिस्सा
महाराजा रणजीत सिंह कालेज के समाज शास्त्र विभाग द्वारा घरेलू हिसा पर आनलाइन वाद-विवाद का आयोजन किया गया। इसमें करीब 30 छात्रों ने भाग लिया।
संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब) : महाराजा रणजीत सिंह कालेज के समाज शास्त्र विभाग द्वारा घरेलू हिसा पर आनलाइन वाद-विवाद का आयोजन किया गया। इसमें करीब 30 छात्रों ने भाग लिया। प्रमुख समाजशास्त्र प्रो. नवप्रीत कौर ने इसकी शुरुआत करते हुए घरेलू हिसा के कारणों पर प्रकाश डाला। प्राचार्य डा. राजिदर सिंह सेखों ने समाज में घरेलू हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर चिता व्यक्त की। इस तथ्य पर चिता व्यक्त करते हुए कहा कि समाज की मूल इकाई परिवार लगातार टूट रहे हैं। इसके अलावा संयुक्त परिवार को छोटे और एकल परिवारों से बदल दिया गया है, जिससे समाज में सांप्रदायिक सदभाव की कमी हो सकती है। कालेज के स्नातन भाग पहला की छात्र शिनू ने कहाकि घरेलू हिसा किसी भी प्रकार की हो सकती है। चाहे वह शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक आदि हो सकती है। शिनू ने समय-समय पर भारत में हाई-प्रोफाइल घटनाओं का जिक्र करते हुए घरेलू हिसा को अमानवीय कहा। स्नातन भाग पहला की छात्र गीता कटारिया ने भारत के विभिन्न राज्यों में समय-समय पर पारित उच्च न्यायालय के निर्णयों का हवाला देते हुए घरेलू हिसा के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया पर अपने विचार प्रस्तुत किए। स्नातन भाग पहला के छात्र जसप्रीत शर्मा ने घरेलू हिसा के कारण महिलाओं की सामाजिक स्थिति, दहेज प्रथा और निरक्षरता का वर्णन किया। छात्र जोबनमीत सिंह ने कहा कि भारत में हर तीन मिनट में घरेलू हिसा का एक मामला दर्ज किया जा रहा है। जबकि एक विवाहित महिला को हर छह मिनट में पीटा जा रहा है। यह स्थिति बहुत गंभीर है। महाविद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनदीप सिंह बराड़, महासचिव लखविदर सिंह, दलजिदर सिंह, बिल्ला संधू ने विजेताओं को बधाई दी।