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फायनांस कंपनियों ने अगर जबरदस्ती किश्तें वसूली तो संघर्ष करेंगे

भारत नौजवान सभा की अगुआई में गांव कोटली संघर में फायनांस कंपनियों की तरफ से जबरदस्ती किश्तें भरवाने के खिलाफ बैठक की गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 10:37 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 06:15 AM (IST)
फायनांस कंपनियों ने अगर जबरदस्ती किश्तें वसूली तो संघर्ष करेंगे
फायनांस कंपनियों ने अगर जबरदस्ती किश्तें वसूली तो संघर्ष करेंगे

संवाद सहयोगी, मुक्तसर साहिब : माइक्रो फायनांस कंपनियां के करिदों की तरफ से गांवों में महिलाओं से लॉकडाउन के चलते जबरदस्ती किश्तें लेने को लेकर लोग कंपनियों के विरोध में एकत्रित होने लगे है। भारत नौजवान सभा की अगुआई में गांव कोटली संघर में फायनांस कंपनियों की तरफ से जबरदस्ती किश्तें भरवाने के खिलाफ बैठक की गई। कंपनियों की तरफ से जबरदस्ती किश्तें लेने के विरोध में एकत्रित हुए लोगों ने कहा कि अगर कंपनियों ने जबदस्ती किश्तें वसूली तो वह संघर्ष का रास्ता अपनाएंगे। नौजवान भारत सभा के जिला मीत प्रधान लखवंत किरती ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइन अनुसार 31 अगस्त तक हर प्रकार के कर्जे तथा किश्तों से राहत दी गई है, लेकिन फिर भी फायनांस कंपनी के कारिदे महिलाओं को धमका रहे हैं। इस अवसर पर जिला नेता गुरतेज वडिग ने संबोधन करते हुए सरकार की विरोधी नीति का विरोध करने का निमंत्रण दिया तथा खेती विरुद्ध ऑर्डिनेंसों तथा बिजली बिल 2020 के विरोध में रोष जाहिर किया। इस अवसर पर सभी ने विचार -विमर्श करते हुए 31 अगस्त तक कोई भी किश्त ना भरने फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि अगर फायनांस कंपनियां अपनी गुंडागर्दी से बाज ना आए तो मजबूरन उन्हें संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा। इस मौके पर गुरनायब सिंह खालसा, मौड सिंह कोटली तथा बिट्टू कोटली आदि उपस्थित थे।

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