नारी मां के स्वरूप में कराती है संसार का दर्शन
संवाद सहयोगी श्री मुक्तसर साहिब दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की तरफ से घास मंडी चौक में माता की चौ
संवाद सहयोगी श्री मुक्तसर साहिब
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की तरफ से घास मंडी चौक में माता की चौकी का आयोजन किया गया। चौकी में साध्वी मंगलावती भारती ने मां शेरावाली का गुणगान करते हुए दरबार में उपस्थित श्रद्धालुओं को ज्योति स्वरूप मां शेरावाली द्वारा दिए गए संदेशों को जीवन में धारण करने की प्रेरणा दी।
साध्वी भारती ने कहा कि आज समाज में महिषासुर जैसी असुरी शक्तियों का बोलबाला है। जो समाज में अधर्म उत्पन्न कर रही हैं। इन्हीं असुरी शक्तियों के प्रभाव में आकर मनुष्य बुरे कार्य करता है और परेशान है। उन्होंने बताया कि मां एक शक्ति है। जब मनुष्य के जीवन में उस शक्ति का अवतरण होता है तो उसे जीवन की कीमत के बारे में पता चलता है। यह जीवन मां की कृपा से ही मिला है। भारती ने कहा कि आदिकाल से ही हमारे देश में नारी की पूजा होती रही है। यहां अर्द्धनारीश्वर का आदेश रहा है। अर्थात पुरुष का आधा हिस्सा नारी ही है। क्योंकि मनुष्य अपने आप में समाज रूपी पहल को नहीं चला सकता। नारी मां के स्वरूप में हमें इस संसार का दर्शन कराती है। मां ही श्रद्धा और प्रेम की देवी है। तीनों लोको में माता के रूप में नारी की महिमा प्रकट की गई है, जिसके चरणों में स्वर्ग है। आज भी जीवन में विद्या, बल और धन के लिए देवियों, सरस्वती, लक्ष्मी और दुर्गा माता का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। इस मौके पर डॉ. रोशन लाल मुजराल, मदन मोहन बांसल, राजेश बांसल, करण कालड़ा, भारत भूषण ¨बटा, नरेंद्र बांसल, प्रदीप धूड़िया, संजीव कुमार, हैपी गर्ग, रिशु बांसल, ¨पकी मलहोत्रा, आनंद कुमार, बलदेव कुमार व दवेंद्र कुमार ने भी सेवा निभाई।