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बाबुओं की हड़ताल से रुके लोगों के काम

डीसी गुरदासपुर एसडीएम जीरा के साथ हुई बदसलूकी के मामले को लेकर जिला प्रबंधकीय कांल्लेक्स में हड़ताल के दूसरे दिन भी किसी प्रकार का कामकाज नहीं हो सका।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 08:15 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 08:15 PM (IST)
बाबुओं की हड़ताल से रुके लोगों के काम

जागरण संवाददाता, मोगा : डीसी गुरदासपुर, एसडीएम जीरा के साथ हुई बदसलूकी के मामले को लेकर जिला प्रबंधकीय कांल्लेक्स में हड़ताल के दूसरे दिन भी किसी प्रकार का कामकाज नहीं हो सका। गांवों से पहुंचे सैकड़ों की संख्या में परेशान लोग कई घंटे इंतजार के बाद बिना काम के वापस लौट गए। तहसील में दो दिन से रजिस्ट्रियां भी नहीं हो रही हैं। पहले से जिन्होंने ऑनलाइन समय लिया था, अब उन्हें हड़ताल खुलने के बाद दोबारा समय लेना पड़ेगा। इस मौके पर मुलाजिमों ने काले बिल्ले लगाकर रोष प्रदर्शन किया।

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डीसी दफ्तर के समूह मुलाजिमों ने यूनियन नेता परवीन कुमार के नेतृत्व में डीसी दफ्तर के मीटिग हाल में मीटिग की। मीटिग में गुरदासपुर व जीरा की घटनाओं की निदा की। साथ ही 11 सितंबर को भी डीसी दफ्तर, उप मंडल मजिस्ट्रेट दफ्तरों, तहसीलों और उप तहसीलों में पूरी तरह कलमछोड़ हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया। इस मौके पर मुलाजिमों ने सरकार से मांग की कि डीसी को धमकी देने वाली विधायक की विधानसभा की सदस्यता खत्म की जाय। उसे कठोर सजा मिले। मीटिग में जोगिन्द्र सिंह, हरमीत सिंह, परवीन कुमार, तेजिन्दर सिंह, बलजीत सिंह, सुरिन्दर कौर, तेजिन्दर सिंह, सुखराज कौर, निशि सूद, नवप्रीत कौर, लिखित कांसल, इन्द्रजीत सिंह, कुलदीप सिंह, गौरव चावला, शामा, दीपक कुमार, वरिन्दरपाल सिंह, गुरजंट सिंह,विनोद कुमार आदि उपस्थित थे। हड़ताल से नहीं हो पाई रजिस्ट्रियां

तहसील में औसतन 45 रजिस्ट्रियों के अप्वाइंटमेंट होते हैं। सोमवार को 17 ही अप्वाइंट हुए थे। 28 खाली थे। मंगलवार को भी ऑनलाइन 11 रजिस्ट्रियों की अप्वाइमेंट ही लिए गए। लेकिन हड़ताल के कारण रजिस्ट्री एक भी नहीं हुई। असलहा लाइसेंस पर सही नहीं हुआ नाम

गांव चोटियां थोबा निवासी एकमसिंह मंगलवार को अपना असलाह लाइसेंस सही कराने लाए थे। इस लाइसेंस पर जिस जगह एकम सिंह के पिता का नाम दर्ज होना था उस जगह उसकी पत्नी मंजीत कौर का नाम दर्ज कर दिया था। हड़ताल के कारण उसकी शिकायत भी किसी ने नहीं सुनी। 80 साल का बुजुर्ग लौटा निराश

गांव डाला का ही एक 80 साल का बुजुर्ग सुरजीत सिंह अपनी पेंशन के काम से डीसी ऑफिस आया था। उम्र के इस पड़ाव के चलते काफी मुश्किल से यहां पहुंचा था, लेकिन हड़ताल के चलते उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। थककर काफी देर तक डीसी ऑफिस में बैठा रहा, बाद में निराश होकर गांव लौट गया। सुविधा सेंटर में भी नहीं हुआ काम

गांव चोटियां थोबा का निवासी लखबीर सिंह सुविधा सेंटर पर अपना एक डॉक्यूमेंट लेने गया था, लेकिन निजी कंपनी के हाथों संचालित हो रहा सुविधा सेंटर भी बंद मिला, जिससे उसे परेशान होकर वापस लौटना पड़ा।


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