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बूंदाबांदी के बाद पारा लुढ़का, उमस बढ़ी

संवाद सहयोगी, मोगा : मानसून की आमद के बाद से अभी तक मोगा पर इंद्रदेव महज दो बार मेहरबान हु

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 10:49 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 10:49 PM (IST)
बूंदाबांदी के बाद पारा लुढ़का, उमस बढ़ी
बूंदाबांदी के बाद पारा लुढ़का, उमस बढ़ी

संवाद सहयोगी, मोगा : मानसून की आमद के बाद से अभी तक मोगा पर इंद्रदेव महज दो बार मेहरबान हुए हैं। पहली बारिश जहां 2.4 एमएम और दूसरी बार यह 14.2 एमएम तक रही। 29 जून से लगातर बारिश का लोग इंतजार कर रहे हैं। बुधवार सुबह बादल छाए और बारिश की उम्मीद बनी, लेकिन बूंदाबांदी के बाद बादल एक बार फिर छंट गए। बूंदाबांदी के बाद बेशक तापमान 41 से छह अंक गिरकर 35 पर पहुंच गया, लेकिन इसके बाद बढ़ी उमस ने एक बार फिर लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया। मानसून ने किसानों को किया निराश

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बीते साल की तुलना में इस साल अभी तक मानसून सामान्य से करीब 85 फीसद कमजोर साबित हुआ है, जबकि मौसम विभाग इस साल अच्छे मानसून की भविष्यवाणी करता आ रहा था। अभी भी मौसम विभाग अच्छे मानसून की उम्मीदे जता रहे हैं। किसान अब मानसून पर भरोसा छोड़ केवल पावरकाम की बिजली सप्लाई पर ही भरोसा जता रहे हैं।

80 फीसदी धान रोपाई का काम पूरा

मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. ह¨रदर ¨सह का कहना है कि जिले भर में इस साल एक लाख 65 हजार हेक्टेयर में धान रोपाई होगी, जिसमें से लगभग 80 फीसद धान रोपाई का काम पूरा हो चुका है। धान रोपाई के लिए मजदूरों की मारामारी भी लगभग खत्म हो चुकी है। बाहरी राज्यों से आए मजदूर अपने घरों को लौटना शुरू हो चुके हैं। जिले भर में करीब 25 हजार हेक्टेयर में बासमती 11 से 21 की रोपाई लगभग 15 जुलाई से शुरू होने जा रही है। इन दिनों में यदि बारिश होती है, तो बास्मती लगाने वाले किसानों को इसका जबरदस्त फायदा होगा।


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