रेहड़वां से पकड़ीं रेत भरी ट्रॉलियां, पहले छोड़ी फिर थाने में करवाई खड़ी
मोगा जिले भर में सतलुज किनारे सरकारी आवंटित खड्डों से रेत खनन पर पाबंदी के बावजूद अवैध खनन के मामले में पुलिस सक्रिय हो गई है।
जागरण संवाददाता, मोगा
जिले भर में सतलुज किनारे सरकारी आवंटित खड्डों से रेत खनन पर पाबंदी के बावजूद अवैध खनन के मामले में पुलिस सक्रिय हो गई है। हालांकि खनन विभाग अभी भी इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए है। थाना धर्मकोट पुलिस ने सोमवार रात को गांव रेहड़वां से अवैध खनन कर लाई जा रहीं दो ट्रैक्टर ट्रॉलियां मौके से पकड़ने के बाद रात को पुलिस कथित दबाव में इन ट्रॉलियों को छोड़ दिया। मगर, मंगलवार को दैनिक जागरण में अवैध खनन का मामला प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद इन दोनों ट्रॉलियों को जो खाली हो चुकी थीं, को पुलिस ने थाने में बुलाकर परिसर में खड़ा कर दिया। उधर, थाना प्रभारी गुरजिदर पाल सिंह का कहना है कि उक्त मामला रूटीन चेकिग थी, किसी को पकड़ा नहीं है।
बता दें कि सूत्रों के अनुसार जिले में लंबे समय से खनन ठेकेदार पर्यावरण विभाग की एनओसी के बिना ही अवैध रूप से खनन को अंजाम दे रह हैं। इस बारे में दैनिक जागरण में अवैध खनन का मामला मंगलवार को छपने के बाद जब ठेकेदारों से पर्यावरण विभाग की एनओसी मांगी गई, तो वे नहीं दिखा पाए। एनओसी के बिना ठेकेदार रेत का बिल भी नहीं काट सकते थे, जिस कारण वे अवैध रूप से बिक्री कर रहे थे। कुछ समय पहले ही पंजाब में सतलुज व खड्डों में खनन पर पाबंदी लगाई गई गई है।
उधर, सूत्रों का कहना है कि गांव रेहड़वां में सोमवार रात को जब पुलिस मौके पर पहुंची थी तो वहां खनन का काम चल रहा था। इस दौरान रेहड़वां के निकट ही सतलुज के बिलकुल समीप गांव मंजली में जेसीबी मशीनों की मदद से रेत खनन किया जा रहा था। इस बारे में पुलिस को सूचना मिल जाने के बाद भी वह वहां नहीं पहुंची और सिर्फ दो ट्रैक्टर ट्रॉलियों को कब्जे में लिया था, जिन्हें कुछ घंटे बाद छोड़ दिया। बाद में मंगलवार को दिन के समय खाली ट्रॉलियों को फिर से थाना धर्मकोट बुलाकर उन्हें वहां खड़ा कर दिया गया।
उधर, इस बारे में थाना प्रभारी गुरजिदर पाल सिंह ने बताया कि रेहड़वां में उनकी रुटीन चेकिग थी। जिसे वह रोज करते हैं, इससे ज्यादा कुछ खास नहीं है। उन्होंने थाने परिसर में खड़ी ट्रॉलियों पर कोई ज्यादा प्रतिक्रिया देने की जगह कहा कि कुछ मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।