निगम के दंगल में खजाने को लगा 1.057 करोड़ का चूना
निगम के दंगल में आखिरकार आउटडोर विज्ञापन से 80 लाख रुपये प्रति महीने की (सालाना 1.057 करोड़) आय का नुकसान हो गया। ठेकेदार ग्रेट पंजाब प्रिटर्स के संचालक नवीन सिगला ने अपनी तीन लाख रुपये का नुकसानकर टैंडर ठुकरा दिया।
सत्येन ओझा, मोगा : निगम के दंगल में आखिरकार आउटडोर विज्ञापन से 80 लाख रुपये प्रति महीने की (सालाना 1.057 करोड़) आय का नुकसान हो गया। ठेकेदार ग्रेट पंजाब प्रिटर्स के संचालक नवीन सिगला ने अपनी तीन लाख रुपये का नुकसानकर टैंडर ठुकरा दिया। आउटडोर विज्ञापन के मामले में कांग्रेस विधायक डॉ.हरजोत कमल से वार्ता करते हुए निगम के मुलाजिमों ने दावा किया था कि उनके पास 1.20 करोड़ रुपये का ठेकेदार मौजूद है, टैंडर री कॉल होता है तो ठेकेदार 1.20 करोड़ रुपये का ठेका ले लेगा। सच्चाई ये है कि चालू वित्तीय वर्ष के पहले तिमाही में निगम आउटडोर विज्ञापन से अभी तक पांच लाख की वसूली भी पूरी नहीं कर सका है, रफ्तार यही रही तो इस साल भी आउटडोर विज्ञापन से निगम की आय 20 लाख रुपये सालाना रहने की ही संभावना है। इससे साफ है कि निगम के मुलाजिमों को अगर सालाना 1.20 करोड़ रुपये की सालाना आमदन का भरोसा है, तो पहले तीन महीने में पांच लाख की भी वसूली न होना क्या ये किसी बड़े भ्रष्टाचार का संदेश तो नहीं दे रहा है?
निगम के मुलाजिमों की ओर से 1.20 करोड़ का ठेकेदार उनके पास होने का दावा किया गया था, इससे साफ है कि निगम को 10 लाख रुपये महीने की आमदन होनी थी, ऐसे में वित्तीय साल के पहले तीन महीने अप्रैल, मई व जून में 30 लाख रुपये की आमदन होनी थी, लेकिन हुई पांच लाख भी नहीं है, मतलब साफ है कि पहले तीन महीने में 25 लाख रुपये की कम वसूली हुई, अगर गुंजाइश 1.20 करोड़ की है तो पहले तीन महीने का 25 लाख रुपये किसकी जेब में गया। मंजूर हुए टैंडर के हिसाब से देखें तो ये नुकसान 24 लाख का हुआ। यह है मामला
67 करोड़ रुपये के सालाना बजट वाली मोगा नगर निगम में अब तक आउटडोर विज्ञापन से अधिकतम पिछले वित्तीय साल में लगभग 30 लाख रुपये सालाना की वसूली हुई है। पिछले साल दिसंबर में निगम कमिश्नर अनीता दर्शी के प्रयासों से आउटडोर विज्ञापन का ठेका 1.057 करोड़ रुपये का उठा था। इस साल 15 फरवरी की एफएंडसीसी की बैठक में 1.057 करोड़ रुपये के टैंडर को पैंडिग रख दिया गया था। पांच महीने के घमासान के बाद जून में पंजाब सरकार ने सीधे हस्तक्षेप तक ठेके को मंजूरी दे थी, इसके बावजूद निगम के पार्षद व मेयर ठेके का विरोध करते रहे। आखिरकार ठेकेदार ने 12 जुलाई को निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर ठेका छोड़ने का ऐलान कर दिया, जिससे ठेकेदार की लगभग ढाई लाख की जमा की गई राशि जब्त कर ली गई, जबकि पचास हजार रुपये टैंडर आदि में खर्च हुए।इससे आउटडोर विज्ञापन के माध्यम से निगम को शुरू होने वाली बड़ी आय की रही सही उम्मीद भी टूट गई, निगम कमिश्नर ने ठेकेदार की ओर से ठेका छोड़ने के आवेदन को 16 जुलाई को स्वीकार कर लिया है। कोट्स
निगम को आय के नए स्त्रोत तलाशने होंगे, क्योंकि जीएसटी का शेयर पांच साल तक ही केन्द्र से मिलेगा, बाद में निगम को खुद आत्मनिर्भर बनना होगा, ऐसे में आउटडोर ठेका इन्हीं प्रयासों का परिणाम था।
-अनीता दर्शी, निगम कमिश्नर