पहले दिन कहीं तीन तो कहीं 40 फीसद बच्चे पहुंचे स्कूल
मोगा कोविड-19 के लगभग सात माह बाद आखिरकार नौवीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुल गए। इसके तहत कहीं एक भी नहीं तो कहीं कहीं तीन फीसद व कहीं 40 प्रतिशत तक विद्यार्थी पहुंचे। इस दौरान स्कूलों में बचों को थर्मल स्क्रीनिंग व मास्क के साथ ही प्रवेश दिया गया।
तरलोक नरूला, मोगा
कोविड-19 के लगभग सात माह बाद आखिरकार नौवीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुल गए। इसके तहत कहीं एक भी नहीं, तो कहीं कहीं तीन फीसद व कहीं 40 प्रतिशत तक विद्यार्थी पहुंचे। इस दौरान स्कूलों में बच्चों को थर्मल स्क्रीनिंग व मास्क के साथ ही प्रवेश दिया गया। हालांकि प्राइवेट स्कूलों में से कई स्कूल पहले दिन बंद ही रहे। हालांकि इन स्कूलों ने खोलने के लिए कैंपस को सैनिटाइजेशन व अभिभावकों की सहमति लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि आने वाले एक-दो दिन में स्कूल शुरू किए जा सकें।
गौरतलब है कि कोविड-19 के चलते 23 मार्च से स्कूलों में ताला लगा दिया गया था। उस समय तक अधिकांश कक्षाओं की परीक्षाएं भी पूरी नहीं सकी थीं। उधर, सरकार की ओर से शर्तो के साथ स्कूल खोलने की मंजूरी देने के बाद अब निजी स्कूलों ने सवाल उठाया है कि सरकार स्कूल खोलने के बारे में स्पष्ट आदेश जारी करे। एक ही समय में स्कूल की कक्षाएं व आनलाइन शिक्षा संभव नहीं हो सकती है।
उधर, आरकेएस पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिसिपल रजनी अरोड़ा के अनुसार उनके यहां पहले दिन 40 प्रतिशत विद्यार्थी ही पहुंचे। स्कूल गेट पर विद्यार्थियों का तापमान चेक करने के बाद उन्हें सैनिटाइज करने के बाद स्कूल में प्रवेश दिया गया।
आर्य माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिसिपल समीक्षा शर्मा के अनुसार स्कूल को को दो पारियों में खोला गया। पहली पारी में नौवीं से लेकर 10वीं तक के विद्यार्थियों के लिए तीन घंटे के लिए 11.30 बजे तक और दूसरी पारी में 11वीं व 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए 11.30 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक स्कूल खोला गया। पहले दिन 45 फीसद विबच्चे ही पहुंचे।
सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिसिपल जसविदर सिंह के अनुसार पहले दिन सिर्फ पांच प्रतिशत ही बच्चे आए। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही बच्चों को एंट्री दी गई।
एसडी गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिसिपल सोनिया हर्ष के अनुसार पहले दिन 250 में से 31 बच्चे ही आए। इस दौरान विद्यार्थियों को घर से ही पानी की बोतल लाने को कहा गया था, ताकि वे स्कूल के पानी का प्रयोग न करें।
डीएम कालेजिएट स्कूल की प्रिसिपल वरिदर कौर सोढ़ी के अनुसार पहले दिन 11वीं व 12वीं के 225 में से 50 विद्यार्थी ही पहुंचे।
भीम नगर स्मार्ट स्कूल की प्रिसिपल मंजीत कौर के अनुसार उनके स्कूल में पहले दिन तीन फीसद ही बच्चे आए।
एसडी पब्लिक सीनियर सैकेंडरी स्कूल की प्रिसिपल सुमन मलहोत्रा ने बताया कि पहले दिन स्कूल खुलने का समय सुबह नौ बजे तक था, लेकिन सुबह 9.55 से लेकर 10 बजे तक सिर्फ 11 विद्यार्थी ही स्कूल पहुंचे।
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बच्चों ने ली राहत
पहले दिन स्कूल पहुंची छात्रा दिया, मुस्कान, हरलीन, सानिया, राधिका आदि ने बताया कि स्कूल आकर कुछ राहत मिली है। मोबाइल पर पढ़ाई नहीं हो पा रही थी।
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अभिभावकों से ले रहे सहमति
निजी स्कूलों में कैंब्रिज स्कूल के चेयरमैन दविदर पाल सिंह का कहना है कि स्कूल को सैनिटाइज किया जा रहा है। सभी तैयारियों के बाद स्कूल 26 अक्टूबर से खोलेंगे। वहीं किचलू स्कूल ने अभिभावकों की लिखित सहमति लेनी शुरू कर दी है, ताकि स्कूल को आने वाले एक दो दिनों में खोला जा सके।