संतजनों के दर्शाए मार्ग पर चलना ही भक्ति
गीता भवन के सत्संग हाल में ब्रह्मलीन स्वामी वेदांतानंद जी की असीम कृपा से जारी स्वर्ण जयंति संत सम्मेलन में महामंडलेश्वर स्वामी सहज प्रकाश ने कहा कि धर्म शास्त्र में तीन कथाएं आती है। एक रोचक, दूसरी भयानक तथा तीसरी यथार्थ कथा। जिसमें भगवान की लीलाएं भी अलग होती हैं।
संवाद सहयोगी, मोगा : गीता भवन के सत्संग हाल में ब्रह्मलीन स्वामी वेदांतानंद जी की असीम कृपा से जारी स्वर्ण जयंति संत सम्मेलन में महामंडलेश्वर स्वामी सहज प्रकाश ने कहा कि धर्म शास्त्र में तीन कथाएं आती है। एक रोचक, दूसरी भयानक तथा तीसरी यथार्थ कथा। जिसमें भगवान की लीलाएं भी अलग होती हैं। तीनों कथाओं की समय समय पर अपनी अपनी महत्ता है। यही भगवान की लीलाएं व कथाएं हमारा मार्गदर्शन करती है । महामंडलेश्वर स्वामी कमल पुरी, प्रज्ञा भारती, बुआ दित्ता ने कहा कि जहां भक्ति होती है वहां भगवान स्वयं आते है। ईश्वर को अपने समीप जानकार हम जो भी अच्छे कार्य करते हैं उसमें सफलता मिलती है। प्रभु के नाम में लीन रहना तथा संतजनों के दर्शाए मार्ग पर चलना ही भक्ति है। भागवत प्रवक्ता डॉ. राम कृपाल त्रिपाठी ने कहा कि सच्चे भगवान हमारे गुरु है जो हमारा मार्गदर्शन करते है, जिस प्रकार एक धोबी कपडे़ को रगड़-रगड़ कर उसमें से मैल निकाल देता है, ठीक उसी प्रकार संसारी जीव जब सच्चे महापुरुष की शरण में आ जाता है। संतजन उपदेशों से उस जीव को सदाचारी बना देते हैं। इससे पहले पंडित गोपाल, पंडित नन्द किशोर, पंडित राम जी की अगुवाई में मुख्यातिथि विजय इंद्र गर्ग, दुर्गेश गर्ग ने पूजन किया। इस अवसर पर एडवोकेट सुनील गर्ग, एडवोकेट बोधराज मजीठिया, अशोक बांसल, खुशवंत राय जोशी, अजय कथूरिया, बलदेव राज लूथरा, पवन अग्रवाल, हरिओम, म¨हदर ¨जदल, दर्शन ¨सगल, आरके सूद, पवन कुमार, विजयइंद्र गर्ग, दुर्गेश गर्ग, राम रशपाल, म¨हदर ¨जदल हाजिर थे।