बारिश का मौसम भी हुआ विदा, नहीं भरे शहर की सड़कों के जख्म
पिछले छह महीनों से शहर की जनता को जनप्रतिनिधि कभी चुनाव आचार संहिता तो कभी बारिश का मौसम होने का बहाना बनाकर शहर की प्रमुख टूटी सड़कों के नाम पर जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश करते रहे।
जागरण संवाददाता, मोगा : पिछले छह महीनों से शहर की जनता को जनप्रतिनिधि कभी चुनाव आचार संहिता तो कभी बारिश का मौसम होने का बहाना बनाकर शहर की प्रमुख टूटी सड़कों के नाम पर जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश करते रहे। लेकिन, रेलवे रोड, गुरुनानक कॉलेज रोड, मेन बाजार, अधूरी पड़ी अकालसर रोड, गिल रोड की प्रमुख सड़कों के रूप में शहर की जनता को मिले जख्म अब नासूर बन चुके हैं। शहर की खस्ताहाल सड़कों पर हर दिन लहूलुहान हो रहे लोगों की इस दुर्दशा को लेकर जनप्रतिनिधियों की नींद अभी भी नहीं टूटी है।
ये सड़कें हैं सबसे खस्ताहाल
मेन बाजार की लगभग पौने चार किलोमीटर की सड़क को लेकर कई बार दावा किया जा चुका है कि ये सड़क सरकार के स्तर पर मंजूर हो गई थी। जून महीने में दावा किया गया था कि बारिश का मौसम खत्म होते ही सड़क बननी शुरू हो जाएगी। साढ़े तीन महीने इस वादे को पूरे हो चुके हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि अभी तक सड़क मंजूर नहीं हो सकी है। डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस के निजी प्रयासों के बाद पैचवर्क जरूर हुआ, लेकिन सरकार ने अभी तक पीडब्ल्यूडी की ओर से भेजे प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है।
अकालसर रोड की सड़क का टैंडर जनवरी महीने में शुरू हुआ तब न चुनाव आचार संहिता लगी थी, लेकिन न अन्य कोई बाधा थी। सड़क निर्माण का का तीन महीने में पूरा होना था। ये सड़क बन जाती है तो हाईवे से कोटकपूरा रोड जाने वाला शहर का काफी ट्रैफिक जो हर रोज मेन बाजार से गुजरता है वह अकालसर रोड से डायवर्ट हो सकता है, जिससे मेन बाजार की ट्रैफिक व्यवस्था में भी सुधार हो सकता है।
शहर के गुरुनानक कॉलेज को जाने वाली सड़क बेहद खस्ताहाल है। हैरानी की बात है कि गुरुनानक कॉलेज के मैदान में खेलकर हरमनप्रीत कौर भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बनी, इसी मैदान पर खेलकर एकनूर जौहल बॉस्केटबाल की इंडिया टीम में पहुंचा, लेकिन शहर के जनप्रतिनिधि शहर का नाम दुनिया भर में रोशन करने वाले इन खिलाड़ियों को इतना भी सम्मान न दे कि जिस मैदान में खेलकर ये खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे उसी सड़क की मरम्मत तक करा देते। सुबह इसी सड़क से होकर नेचर वॉक में शहर के हजारों लोग पहुंचते हैं, लेकिन उनकी भी जनप्रतिनिधियों को कोई चिता नहीं है।
निगम के अड़ियल रवैये हो रही है देरी:विधायक
विधायक डॉ. हरजोत ने बताया कि मेन बाजार की सड़क को लेकर अब सबसे बड़ा पेच ये फंस रहा है कि निगम ने पीडब्ल्यूडी से शहर की मेन बाजार की सड़क निगम को ट्रांसफर करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। पीडब्ल्यूडी से सड़कें निगम के पास जा चुकी हैं,लेकिन निगम कह रही है कि ये सड़क पहले रिपेयर करके दो उसके बाद वे इसे मेंटीनेंस करेंगे, इसलिए सड़क बनने में देरी हो रही है। जिस हालत में उसी में ट्रांसफल को तैयार:मेयर
मेयर अक्षित जैन का कहना है कि निगम लिखित में सरकार का प्रस्ताव भेज चुकी है कि मेन बाजार की सड़क जिस हालत में ही उसी हालत में निगम को ट्रांसफर करा दी जाय, वे उसी हालत में लेने को तैयार हैं। साथ में 1.39 करोड़ रुपये की लागत से मरम्मत का प्रस्ताव भी सरकार को भेज दिया है, लेकिन अभी तक ये प्रस्ताव सरकार के स्तर पर ही लंबित है, निगम ने कभी नहीं कहा कि पीडब्ल्यूडी पहले मेन बाजार की सड़क मरम्मत करके दे।