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अपनी जमीन से कब्जे हटाने को गंभीर नहीं निगम

मोगा : न तहबाजारी, न हाउस टैक्स, न प्रॉपर्टी टैक्स, न नक्शा फीस न कोई किराया, न जमीन पर मालिकाना हक फिर भी सरकारी जमीन पर धड़ल्ले से काबिज हैं पुरानी दानामंडी के दुकानदार। पुरानी दानामंडी में दुकानदार लगातार पैसे से बूते पर कानून पर भारी पड़ते जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 10:39 PM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 10:39 PM (IST)
अपनी जमीन से कब्जे हटाने को गंभीर नहीं निगम
अपनी जमीन से कब्जे हटाने को गंभीर नहीं निगम

जागरण संवाददाता, मोगा : न तहबाजारी, न हाउस टैक्स, न प्रॉपर्टी टैक्स, न नक्शा फीस न कोई किराया, न जमीन पर मालिकाना हक फिर भी सरकारी जमीन पर धड़ल्ले से काबिज हैं पुरानी दानामंडी के दुकानदार। पुरानी दानामंडी में दुकानदार लगातार पैसे से बूते पर कानून पर भारी पड़ते जा रहे हैं। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश पर एक बार निगम दुकानदारों के पास से अपनी जमीन हासिल करने का प्रयास कर चुका है, लेकिन एक बार फिर से निगम ने दुकानदारों पर मेहरबानी करना शुरू कर दिया है। जिस जमीन को दुकानदार अपनी बता रहे हैं, उस जमीन का निगम ने कभी कोई खर्च नहीं भरवाया। दुकानदार अपना मालिकाना अधिकार भी इस जमीन पर सिद्ध नहीं कर पाए, बावजूद इसके करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन को दुकानदार अपने कब्जे में लिए हुए हैं। एक ही जमीन पर तीन अलग-अलग फैसले

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पुरानी दानामंडी के दुकानदारों के पास 45 फुट लंबे और 20 फुट चौड़े थड़ों की जमीन प्रयोग करने के लिए उस समय दुकानदारों को दी गई थी, जिस समय पुरानी दानामंडी में अनाज आया करता था। नई दानामंडी को मोगा-फिरोजपुर रोड पर स्थापित किए जाने के बाद से पुरानी दानामंडी में थड़ों की कोई जरूरत नहीं रह गई थी। नई अनाजमंडी में थड़ों की सुविधा दुकानदार ले चुके हैं और एक ही तरह की सुविधा को कानून अनुसार दो बार नहीं दिया जा सकता। पुरानी दानामंडी में दुकानों के आगे की जमीन निगम की है इसको लेकर सबसे पहले निगम कमिश्नर का अतिरिक्त कामकाज देखते रहे जग¨वदरजीत ¨सह ग्रेवाल ने 3 जनवरी 2018 को आर्डर नंबर 13 जारी किया। इसमें हाईकोर्ट के उन आदेशों (सीपीडब्ल्यू 12693) को शामिल किया गया, जो वर्ष 2008 के दौरान जारी किए गए थे। इन आदेशों अनुसार थड़ों की जमीन को पूरी तरह से अवैध बताया गया था। इसी मामले में 6 अप्रैल 2018 को निगम कमिश्नर ने आर्डर नंबर 194 जारी किया, जिसमें हाईकोर्ट के आदेशों के विरपीत जाकर पुरानी दानामंडी एसोसिएशन हाईकोट में पहुंची। इसी मामले को लेकर एक बार फिर से निगम कमिश्नर ने आर्डर नंबर 27 जारी कर दुकानदारों को ड्रेन तक शैड डालकर जमीन का प्रयोग करने की अनुमति दे दी। अदालत में मालिकाना हक बता चुका है निगम

इसी साल अतिक्रमण के खिलाफ निगम की कार्रवाई के बाद दुकानदारों ने निगम खिलाफ निचली अदालत में याचिका दायर की। इस याचिका की सुनवाई दौरान निगम इस जमीन पर अपना मालिकाना हक पेश कर चुका है, जबकि दुकानदार निगम द्वारा अदालत में चुनौती दिए जाने के बाद भी अपनी कब्जे वाली जमीन का मालिकाना हक साबित नहीं कर पाए। सीबीआइ से जांच करवाने की करूंगा मांग : सूद

आरटीआई एक्टिविस्ट सुरेश सूद ने पुरानी दानामंडी के मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह और स्थानीय निकाय मंत्री के साथ-साथ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि सरकार की करोड़ों रुपये की जमीन को कब्जों से छुड़वाने के लिए सीबीआइ से इस मामले की जांच करवाए जाने की याचिका हाईकोर्ट में जल्द ही दायर करेंगे। 14 अगस्त की पेशी पर रखेंगे पक्ष

एटीपी गुरप्रीत ¨सह का कहना है कि 14 अगस्त को हाईकोर्ट में पेशी दौरान निगम अपना पक्ष सबूतों के साथ रखेगा। हाईकोर्ट के आदेशों पर पुरानी दानामंडी के साथ-साथ शहर के बाजारों से अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई निगम द्वारा हुई है। विरोधी पक्ष की ओर से अदालत में जो कोई आपत्ति निगम खिलाफ दर्ज करवाई जाएगी उसका निगम सबूतों के साथ जवाब दायर करेगा।


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