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कोरोना पीड़िता का शव सवा घंटे इमरजेंसी के गेट स्ट्रेचर पर पड़ा रहा

मोगा कोरोना पीड़ित एक 70 वर्षीय महिला की शनिवार को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद रविवार को उसके स्वजन पहले शहर की एक निजी पैथोलॉजी लैब में ले गए। मगर हालत में सुधार न आने पर उसके स्वजन सोमवार को उसे सिविल अस्पताल मोगा लाए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 10:02 PM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2020 10:02 PM (IST)
कोरोना पीड़िता का शव सवा घंटे इमरजेंसी के गेट स्ट्रेचर पर पड़ा रहा
कोरोना पीड़िता का शव सवा घंटे इमरजेंसी के गेट स्ट्रेचर पर पड़ा रहा

राज कुमार राजू, मोगा

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कोरोना पीड़ित एक 70 वर्षीय महिला की शनिवार को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद रविवार को उसके स्वजन पहले शहर की एक निजी पैथोलॉजी लैब में ले गए। मगर, हालत में सुधार न आने पर उसके स्वजन सोमवार को उसे सिविल अस्पताल मोगा लाए। डॉक्टर ने एंबुलेंस से नीचे उतरने पर उक्त महिला की जब जांच की, तो वह मृत मिली। इसके बाद उक्त बुजुर्ग महिला का शव लगभग सवा घंटे तक सिविल अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर गेट पर स्ट्रेचर पर पड़ा रहा। इसके बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए शव गृह शिफ्ट किया गया।

जानकारी के अनुसार अहाता बदन सिंह निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसकी हालत बिगड़ने पर जब क्रॉस चेक कराने के लिए उसके स्वजन एक पैथोलोजी लैब में ले गए, तो वहां जांच के बाद महिला को निमोनिया की शिकायत बताई गई। इसके बाद जब हालत में सुधार नहीं हुआ, तो उसके स्वजन सोमवार को उसे उसे सिविल अस्पताल में लेकर आए। इस दौरान मामला कोरोना पॉजिटिव होने के कारण पहले कोई उसके पास आने को तैयार नहीं था। काफी देर बाद उसे एंबुलेंस से बाहर निकालकर स्ट्रेचर पर रखा गया। इसके कुछ देर बाद एक चिकित्सक ने इमरजेंसी से बहर निकालकर जब उसे चेक किया, तो उसकी सांसें थम चुकी थीं। दस बजे सिविल अस्पताल में पहुंचे उक्त शव को लगभग 11.10 बजे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। बता दें कि मामला दैनिक जागरण के ध्यान में आने के बाद ही अस्पताल प्रशासन ने उक्त शव को शव गृह में शिफ्ट करवाया। गत 48 घंटों में सिविल अस्पताल प्रशासन की यह दूसरी अनदेखी सामने आई है। शनिवार को भी एक 22 वर्षीय युवक को रेफर किए जाने के बाद ऑक्सीजन का सिलेंडर न मिलने पर दो घंटे के बाद उसे फरीदकोट ले जाया गया था। जहां उसकी मौत हो गई थी।

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क्या थी बुजुर्ग को बीमारी

मृतका के पोते साहिल निवासी आहाता बदन सिंह ने बताया कि उसकी 70 वर्षीय दादी पाल कौर पत्नी अमित कुमार को पिछले दो-तीन वर्षो से निमोनिया की शिकायत थी। जिसकी समय-समय पर जांच करवाई गई। कोरोना वायरस को देखते हुए उन्होंने मोगा सिविल अस्पताल से वीरवार को दादी का टेस्ट कराया था, जिसकी शनिवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद सिविल अस्पताल स्टाफ ने उनके घर के बाहर क्वारंटाइन का पोस्टर लगा दिया था।

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लैब रिपोर्ट में आया निमोनिया

साहिल ने बताया कि रविवार को उन्होंने दादी को जांच के लिए बसंत सिंह रोड स्थित एक निजी लैब में ले जाकर उनका दोबारा टेस्ट कराया। जहां पर उनकी दादी की रिपोर्ट में सिर्फ निमोनिया होने की जानकारी दी और कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई। मगर सोमवार फिर सुबह दादी की सेहत ज्यादा खराब होने के बाद वह एंबुलेंस के जरिये मोगा सिविल अस्पताल में पंहुचे, तो वहां दादी की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने शव को अनदेखा किए रखा और उनके बार-बार कहने के लगभग सवा घंटे बाद शव को शव गृह में शिफ्ट करवाया।

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गंभीर हालत देख कर करते भर्ती

साहिल ने बताया कि सेहत विभाग ने उनकी दादी की हालत को गंभीर देखने के बाद कोरोना संक्रमण से पीड़ित बताया था। अगर हालत ज्यादा गंभीर थी, तो फिर क्यों उन्हें सरकारी स्तर पर बनाए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती नहीं किया गया। सेहत विभाग की लापरवाही जहां उनकी दादी की मौत का कारण बनी, वहीं अब उनके घर में रहने वाले लोगों समेत आसपास के लोगों के लिए परेशानी बन सकती है।

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मामले की गंभीरता से होगी जांच

सिविल सर्जन डॉ. अमरप्रीत कौर बाजवा ने कहा कि उक्त मामला उनके ध्यान में अभी आया है। ऐसे में गंभीरता से इस मामले की जांच की जाएगी।


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