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स्माग की चादर में लिटपा शहर, आंखों में जलन के बढ़े मरीज

मोगा : दीवाली के बाद से सुबह-शाम पड़ रही स्मॉग के कारण जहां वाहन चालकों को लाइटें जलाकर चलना पड़ रहा है, वहीं धुएं से बनी स्मॉग से आंखों में जलन के मरीज भी बढ़ रहे हैं। सिविल अस्पताल में आंखों में जलन की शिकायत लेकर रोजाना 15 से 20 मरीज पहुंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 04:44 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 04:44 PM (IST)
स्माग की चादर में लिटपा शहर, आंखों में जलन के बढ़े मरीज
स्माग की चादर में लिटपा शहर, आंखों में जलन के बढ़े मरीज

राज कुमार राजू, मोगा : दीवाली के बाद से सुबह-शाम पड़ रही स्मॉग के कारण जहां वाहन चालकों को लाइटें जलाकर चलना पड़ रहा है, वहीं धुएं से बनी स्मॉग से आंखों में जलन के मरीज भी बढ़ रहे हैं। सिविल अस्पताल में आंखों में जलन की शिकायत लेकर रोजाना 15 से 20 मरीज पहुंच रहे हैं।

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स्मॉग के कारण बहुत से लोगों को भी मुंह पर सेफ्टी मास्क लगाकर प्रदूषित हवा से बचाव करने का प्रयास किया जाता आम देखा जा रहा है। शहर और आसपास के इलाके में धूल-धुएं की चादर आसमान पर इस कदर छाई कि दिनभर सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए। सुबह के समय सड़कों पर बिजिविलिटी इतनी कम रही कि वाहन चालकों को अपनी हेड लाइट जलानी पड़ी। स्मॉग की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई। आंखों में जलन की शिकायत से भी परेशान होते नजर आ रहे थे।

शनिवार को सूर्यदेव पूरे दिन ओझल रहे और आसमान में दिन-भर धुआं छाया रहा तो सांय को भी जल्द अंधेरा हो गया। बुधवार को अधिकतम तापमान जहां 30 डिग्री व न्यूनतम तापमान 21 डिग्री रहा।

हवा चलने पर हटेगी स्मॉग

खेतीबाड़ी विभाग के माहिर कुलदीप ¨सह ने बताया कि दीवाली के बाद पटाखों के कारण व खेतों में धान की पराली जलाने के कारण आसमां में छाया धुआं हवा चलने के बाद ही छंटेगा। दो-चार दिन बाद तेज हवा चलने से धुएं की परत टूटने पर ही सामान्य वातावरण होगा। फसलों के लिहाज से सर्दी का आगमन फायदेमंद रहेगा।

वायु प्रदूषण से बन रही स्मॉग

बता दें कि स्माग वायु प्रदूषण का एक रूप है। यह धुआं और कोहरे का एक मिश्रण है। यह स्मोक और फॉग से मिलकर बना है जिसका मतलब है स्मोकी फॉग, यानी कि धुआं युक्त कोहरा। इस तरह के वायु प्रदूषण में हवा में नाइट्रोजन ऑक्साइड्स, सल्फर ऑक्साइड्स, ओजोन, स्मोक और पार्टिकुलेट्स घुले होते हैं। हमारे द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों से निकलने वाला धुआं, फैक्ट्रियों और कोयले आदि के जलने से निकलने वाला धुआं इस तरह के वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण होता है।

आंखों पर चश्मा डालकर चलाएं वाहन : डॉ. रूपाली

आंख रोग के माहिर डॉक्टर रूपाली सेठी ने कहा कि प्रदूषण के कारण आंखों में पानी आने, लाल होने, जलन होने की शिकायत बढ़ जाती है। ऐसे में एहतियात बरतते हुए आंखों को बचाव रखने समेत ड्राइ¨वग करते समय काले रंग का चश्मा लगाए। आंखो को रगड़े बिल्कुल नहीं। ज्यादा परेशानी होने पर चिकित्सक की सलाह पर ही दवाइयां, एंटीबायोटिक इस्तेमाल करे।


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