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स्कंदमाता देती हैं धैर्य का संदेश : प. पवन गौड़

मोगा श्री सनातन धर्म हरि मंदिर में नवरात्र के उपलक्ष्य में दुर्गा स्तुति के पाठ जारी हैं। इसके तहत बुधवार को भक्तों ने मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 11:36 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 11:36 PM (IST)
स्कंदमाता देती हैं धैर्य का संदेश : प. पवन गौड़
स्कंदमाता देती हैं धैर्य का संदेश : प. पवन गौड़

संवाद सहयोगी, मोगा

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श्री सनातन धर्म हरि मंदिर में नवरात्र के उपलक्ष्य में दुर्गा स्तुति के पाठ जारी हैं। इसके तहत बुधवार को भक्तों ने मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की।

मंदिर के पुजारी एवं कथावाचक पवन गौड़ ने बताया कि नवरात्र का पांचवा दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। भगवती की शक्ति से उत्पन्न सनत कुमार अर्थात स्कंद की माता होने से वह स्कंदमाता कहलाई। स्कंदमाता हर स्थिति में धैर्य बनाए रखने का संदेश देती हैं। यह मोक्ष के द्वार खोलने वाली परम सुखदायी माता है। मां अपने श्रद्धालुओं की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। नव दुर्गा की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। वहीं कई जन्मों के पाप खत्म होते हैं। नवरात्र में माता की पूजा व गुणगान करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। व्यक्ति जिस रूप में नव दुर्गा की पूजा करता है, उसी रूप में फल प्राप्त करता है। मां का ध्यान जीवन के कठिन समय में भी हमारे भीतर आशा व विश्वास की ज्योति जलाता है।


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