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जीवन जीने की कला सीखाती है श्रीमद्भागवत : पवन गौड़

संवाद सहयोगी मोगा श्री सनातन धर्म हरि मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा में पंडित पवन गौड़ ने कहा ि

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Feb 2018 06:12 PM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2018 06:12 PM (IST)
जीवन जीने की कला सीखाती है श्रीमद्भागवत : पवन गौड़
जीवन जीने की कला सीखाती है श्रीमद्भागवत : पवन गौड़

संवाद सहयोगी मोगा

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श्री सनातन धर्म हरि मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा में पंडित पवन गौड़ ने कहा कि भागवत कथा से जीने की कला आती है। पंडित पवन गौड़ जी ने कहा कि श्रीमद्भागवत हमें केवल पुण्य ही नहीं, बल्कि हमें जीने की कला भी सिखाती है। भगवद् के महात्म्य में कथा आई है कि भक्ति देवी के बेटों को जगाने की कोशिश में असमर्थ हो गए तो नारद जी ¨चता में पड़ गए, परंतु नारदजी ने सोचा कि ¨चता करने से तो कुछ नहीं बनने वाला नारदजी ने ¨चता छोड़ भगवान का ¨चतन किया तो रस्ता मिल गया और कार्य भी आसानी से बन गया। आज के समय में कोई भी मनुष्य ऐसा नहीं है जिसे कौई ¨चता या परेशानी न हो। इस लिए भागवत हमें बताता है कि ¨चता को भगवान के ¨चतन में बदल दो तो कार्य भी आसानी से बन जाता है। हमे कथा आदि में जाकर ध्यान से सुनना चाहिए। इस अवसर पर सरपरस्त मोहन लाल सेठी, अनिल बांसल, अध्यक्ष सतनारायण गोयल, सतपाल ¨जदल, तीर्थ राम अग्रवाल, गोपाल शंकर, मनमोहन ¨जदल, प्रेम ¨सगल, दिनेश गुप्ता, पवन, अजय गोयल, कृष्ण बांसल सहित श्रद्धालुगण उपस्थित थे।


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