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भक्त को प्रभु के प्रति समर्पण की भावना रखनी चाहिए : स्वामी वेदांत प्रकाश

गीता भवन में व्यास पूजा के उपलक्ष्य में श्रीमद्भागवत ज्ञान सप्ताह के दौरान भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 03:50 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 03:50 PM (IST)
भक्त को प्रभु के प्रति समर्पण की भावना 
रखनी चाहिए :  स्वामी वेदांत प्रकाश
भक्त को प्रभु के प्रति समर्पण की भावना रखनी चाहिए : स्वामी वेदांत प्रकाश

संवाद सहयोगी, मोगा

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गीता भवन में व्यास पूजा के उपलक्ष्य में श्रीमद्भागवत ज्ञान सप्ताह के दौरान भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया गया। जैसे ही कथा वाचक पवन गौतम ने प्रभु के जन्म का प्रसंग सुनाया, गोविद मेरा प्यारा.. गोपाल मेरा प्यारा. से पूरा समागम स्थल गूंज उठा।

पावन धाम हरिद्वार व गीता भवन के महंत स्वामी वेदांत प्रकाश ने कहा कि भगवान के प्रति कैसा प्रेम हो, यह हमें कृष्ण अवतार से ही मिलता है। भागवत पुराण में भगवान की लीलाओं का वर्णन है वहीं एक भक्त का भगवान के प्रति प्रेम दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान के प्रति समर्पण होना जरूरी है। भगवान समर्पण से प्रसन्न होते हैं। भगवान की पूजा नियम व श्रद्धा के साथ करनी चाहिए। हमें निष्ठा के साथ समर्पण होना चाहिए। भागवत प्रवक्ता पवन गौतम ने बताया कि जब संसार का प्रत्येक प्राणी दु:खी होता है, पृथ्वी पर पाप का बोझ बढ़ता है, बुरे प्राणी मर्यादाओं को तोड़कर स्वार्थ के लिए अत्याचार करते हैं। शासक वर्ग प्रजा को न्याय देने के असमर्थ हो जाता है। शक्तिशाली व्यक्ति अपनी शक्ति व धन का दुरुपयोग करने लगते हैं, स्त्री, संतों व भक्तों पर अत्याचार होता है, ऊंच-नीच व जातपात का भेदभाव अपनी चरम सीमा पर पहुंचता है तथा स्वार्थ की आंधी में जब सब मर्यादाएं भंग होने लगती हैं तब भगवान अवतार लेकर धर्म की स्थापना करते हैं। द्वापर युग के अंत में पाप व पापियों के बोझ से पीड़ित होकर मां पृथ्वी समस्त देवताओं को साथ लेकर भगवान की शरण में पहुंची तो प्रभु ने कृष्ण अवतार लेकर अपनी लीलाएं यें करते हुए दुराचारियों का अंत किया।

जतिन मुरली ने मेरे सरकार का दीदार बड़ा प्यारा है, नंद भय आनंद भयो नटखट गोपाल की आदि भजनों का गायन किया। इससे पहले पुजारी राम चंद्र दवरा मंत्रोचारण में सभी ने पूजन किया। एडवोकेट सुनील गर्ग, पवन अग्रवाल व राम रक्षपाल ने बताया कि गीता भवन में कथा का समय रोजाना सायं 3:30 से 6:30 बजे रखा गया है। श्रद्धालु इस कथा का लाभ उठाएं।


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